बैतूल मुक़द्दस “मस्जिद ए अक्सा की आज़ादी लिए मनाया क़ुद्स दिवस..
हर साल की तरह अंजुमन फ़रोग़ ए अज़ा ने किया प्रदर्शन..
पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: अलविदा जुमा के मौके पर हर साल की तरह इमामबाड़ा अहबाबनगर पर अंजुमन फ़रोग़ ए अज़ा के अध्यक्ष हैदर नक़वी के नेतृत्व में मुसलमानों का पहला क़िब्ला, बैतूल मुक़द्दस मस्जिद ए अक्सा की इस्राइल से आज़ादी के लिए प्रदर्शन करते हुए क़ुद्स दिवस मनाया गया।हैदर नक़वी ने बताया कि माहे मुबारक ए रमज़ान के आख़िरी जुमे को अलविदा जुमा यानी “कुद्स दिवस के नाम से भी जाना जाता है। ताकि इस दिन हम एक साथ हो कर हर क़िस्म के ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करे।हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने अपनी वसीयत में अपने मानने वालों से फ़रमाया है कि हमेशा ज़ालिम के ख़िलाफ़ रहो और मज़लूम का साथ दो। हमारा पहला क़िब्ला, बैतूल मुक़द्दस (मस्जिद ए अक्सा) भी इस्राईली ज़ालिमों के क़ब्ज़े में है और इस्राईली यहूदी बेगुनाह बच्चों, औरतों और बुढ़ो को बेजा क़त्ल कर रहे है। कुद्स के दिन इसी तरह के हर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ एक साथ हो कर आवाज़ बुलंद करना है। 70 साल से ज़्यादा हो गए हैं फ़िलिस्तीनी क़ौम पर इस्राईल और उसके साथियों (अमेरिका, ब्रिटिश) का ज़ुल्म मुसलसल जारी है। लेकिन फ़िलिस्तीनी अवाम की हिम्मत और ताक़त में कोई कमी नहीं आई है। वह अपनी आज़ादी के नज़दीक बढ़ते जा रहे है। भारत की अवाम को भी हमेशा फ़िलिस्तीनियों के साथ हमदर्दी रही है। आख़िर फ़िलिस्तीनी उसी साम्राजी निज़ाम का मुक़ाबला कर रहे है, जिस तरह अंग्रेज़ों को भारत वासियों ने 1947 में अपने मुल्क़ से बाहर निकाला था। हर साल माहे रमज़ान के अलविदाई जुमा (शुक्रवार) को दुनिया भर के इन्साफ़ पसंद इंसान कुद्स दिवस के तौर पर मनाते है। दुनिया में हज़ारों शहरों और बस्तियों में, मुसलमान रोज़े की हालत में जमा होकर इस्राईल और उसके साथियों के ज़ुल्म के ख़िलाफ़ अपनी नाराज़गी और गुस्से का इज़हार करते है और करते रहेंगे। क़ुद्स दिवस पर प्रदर्शन करने वालो में फ़िरोज़ हैदर, एहतेशाम अब्बास, जाफ़र हुसैन , सज्जाद नक़वी, आफताब हुसैन, बिलाल रज़ा, हादी हसन, अली रज़ा, इक़्तेदार नक़वी, अनवार हुसैन, शोएब नक़वी, हुसैन हैदर, अमान, अस्करी रज़ा , दिलशाद नक़वी, ज़हूर हसन,इक़बाल, अंसार हुसैन, क़म्बर, हसन ज़ैदी, ऐजाज़ नक़वी, मुसव्विर, रविश, बासित, हिलाल , अरशद, बिलाल आदि मौजूद रहे।