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ऊर्जा निगम के भ्र्ष्टाचार पर “सुराज सेवादल का हल्ला-बोल, कमिश्नर को ज्ञापन के रूप में सौंपा काला चिट्ठा…

अधिशासी अभियंता, अवर अभियंता पर गबन सहित गम्भीर आरोप, एक सप्ताह में कार्रवाई की मांग..

पंच👊नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड: सुराज सेवा दल ने कुमाऊं क्षेत्र में ऊर्जा निगम के भ्रष्टाचार पर हल्ला बोल किया। संगठन के अध्यक्ष रमेश जोशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कुमाऊँ कमिश्नर दीपक रावत को ज्ञापन के रूप में विभाग की भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा सौंपते हुए एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की मांग की। संगठन ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में विधुत वितरण खंड बाजपुर, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में अधिशासी अभियंता विवेक कांडपाल व अवर अभियंता योगेश कुमार ने ठेकेदार के साथ मिलकर बिना काम कराए करोड़ों का भुगतान कर प्रदेश को भारी वित्तीय नुकसान पहुचाया है। दोनो अधिकारियों पर भृष्टाचार के आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की गई हैं। सुराज सेवा दल के अध्यक्ष रमेश जोशी ने बताया कि साथ ही एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई ना किए जाने पर प्रदेश व्यापी आंदोलन व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर उपवास कर सत्याग्रह करने की चेतावनी भी दी गई है। ज्ञापन देने वालों में राजेंद्र अधिकारी खेम सिंह बिष्ट योगेश कमल गोपाल पांडे नरेंद्र सिंह बिष्ट राजू शाह नवीन न्याल मोहन बोरा दीपा बोरा कमल पाठक राजू रमेश बोरा भीम सिंह सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल रहे।
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“ज्ञापन में बिंदुवार गबन के संबंध में विवरण…….
1:- अवर अभियंता योगेश कुमार लगभग 11 वर्षों से विधुत वितरण खंड बाजपुर में तैनात हैं।
2:- विभागीय नियमो को ताक पर रख कर, मनमानी तरीके से विधुत लाइनों को स्थानांतरित करना, लाइनों और transformer को खुर्द बुर्द करना, विभागीय समान बेचना, लाइन बनाने में गड़बड़ी करना, व पुराने विधुत बकाया वाला मीटर गायब कर नया मीटर लगाना इनके दैनिक कार्यों में है।
3:- बिजली के नए कनेक्शन की लाइन बनाने में विभाग द्वारा अनुबंध संख्या 02/EDD(B)/23-24 dt .18.08.2023 और 03 /EDD(B)/23-24 dt .18.08.2023 किया गया हैं।
4:- अनुबंधों के तहत किये गए कार्यों के मापन के सत्यापन में उपखंड अधिकारी मंडी, बाजपुर ने पाया कि योगेश कुमार ने लगभग 50 लाख का गबन किया है जिसकी सूचना उपखंड अधिकारी ने अपने पत्र संख्या 614 दिनांक 11/12/2023 के माध्यम से अधिशाषी अभियंता विवेक काँड़पाल को दी गई।
5:- ये 50 लाख के गबन तो मात्र 2 माह में कराए गए कार्यों में पाया गया जबकि साल में इस तरह के 4 से 5 टेन्डर होते हैं जिसके गबन की धनराशि 2.5 से 3.0 करोड़ रुपए प्रति वर्ष होने से इंकार नहीं किया जा सकता, प्रदेश हित में इसकी जांच अत्यंत आवश्यक हैं।
6:- जेई योगेश द्वारा नए संयोजन लगाने वाले टेंडरों में मात्र 2 माह में ही लगभग 50 लाख का चूना लगाया गया हैं, जबकि ये यहाँ लगभग 11 साल से तैनात हैं।
7:- योगेश कुमार ने 50 लाख रुपए का गबन कार्यदायी संस्था M/s SHUBRA CONSTRUCTION व M/S SUKHINDRA ENTERPRISES के साथ मिलकर साजिश कर वित्तीय गबन कर विभाग को वित्तीय क्षति पहुंचाई गई है।
8:- गबन की विस्तृत जानकारी उपखंड अधिकारी ने अपने पत्र सख्या 522 दिनांक 04-11-2023, 529 दिनांक 07-11-2023, 533 दिनांक 08-11-2023, 614 दिनांक 11-12-2023, पत्र के में विवेक कांडपाल, अधीशाषी अभियंता, बाजपुर को समय-समय पर दी गयी। जिसमे निम्न जानकारियाँ दी गई जिनका संक्षिप्त विवरण निम्न है।
9:- मात्र दो माह में कराए गए कार्यों में अवैध रूप से कि गई एलटी व एचटी लाइनों को स्थानानांतरित कर राज्य को वित्तीय क्षति पहुचाई गई।
:-SMT PANA DEVI ( NSC REG NO-459080622004)-
:-SRI RANJIT SINGH(REG NO-459170622002)
:-SRI JARNAIL SINGH (REG NO-459290322002)
:-SRI BHASKAR JOSHI ( REG NO-459230922001)
10:- मात्र दो माह में कराए गए कार्यों में अवैध रूप से विभागीय सामग्री का उपयोग कर उपभोक्ताओ के परिसर में एलटी व एचटी लाइनों का निर्माण कर विभागीय सामग्री को खुर्द बुर्द कर राज्य को वित्तीयक्षति पहुचाई गई।
:-M/S PRINCE ENTERPRISES (REG NO-459010622001)
:- M/S SHRI HARI INDUSTRY(REG NO-459230223010)
:- M/S MAA GARJIA PACKAGING (REG NO-459230223009)
:- SRI HEMANT MATIYALI( SC NO-369BN22444584)
11:- मात्र दो माह में कराए गए कार्यों के सत्यापन में REG NO-459150323003 (SRI PRADEEP) जिनका संयोजन मात्र सर्विस केबल से ऊर्जिकृत है, में विभाग का 25 kva का transformer, 11 kv abc केबल को बेचकर खुर्द बुर्द कर राज्य को वित्तीयक्षति पहुचाई गई।
12:- इसके अलावा 8 स्थानों में अवैध रूप से 25kva के transformer स्थापित कर लाखों की क्षति विभाग को और राज्य को पहुचाई गई।
13:- इसके अलावा अन्य प्रकरण भी है, जिनका विवरण उपखंड अधिकारी बाजपुर के पत्र संख्या- 614 दिनांक 11-12-2023 व 643 दिनांक 19 -12-2023 में वर्णित है।
14:- अधिशासी अभियंता और अवर अभियंता ने करोड़ों का scrap बेच दिया गया लेकिन विवेक कांडपाल ने उस भ्रस्टाचार की जांच करने के बजाए उक्त पत्रों को लगभग 1 माह से ज्यादा समय दबाए रखा, जिससे विवेक कांडपाल की सत्यनिष्ठा पर भी प्रश्न उठना शुरू हुआ। विवेक काँड़पाल पहले भी अपनी काशीपुर तैनाती के दौरान भृष्टाचार के आरोपी में रह चुके हैं, जिसपर माननीय उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के प्रकरण में vigilance जांच के directions दिए गए, जिसकी जांच अभी गतिमान है।
:- उपखंड अधिकारी ने अपने कार्यालय पत्र संख्या 643 दिनांक 19-12-2023 में विवेक काँड़पाल व योगेश कुमार द्वारा मिलकर किए जा रहे विभिन्न किस्म के भृष्टाचारों का विवरण अधीक्षण अभियंता को दिया गया है, जिसमे कहा गया है कि अनुबंध संख्या 33/edd(b)/2022-23 dt 15-03-2023 (जोकि m/s sukhindra enterprises को आवंटित था) में बिना कार्य कराए व तत्कालीन उपखंड अधिकारी गुलशन बुलनी के जाली हस्ताक्षर कर विवेक कांडपल व योगेश कुमार ने कार्यदायी संस्था को भुगतान कर विभाग को 1438362 रुपए कि वित्तीय हानि पहुंचा कर गबन किया है। अनुबंध संख्या 01/EDD(B)/23-24 dt. 28.06.2023 (जिसका मापन योगेश कुमार ने माप पुस्तिका संख्या 63b के प्रष्ठ संख्या 86, 87, 88 व 89 में किया गया है) में बिना ठेकेदार से काम कराए रु 729777.00 का भुगतान करवा कर विभाग को वित्तीय क्षति पहुचाने का प्रयतन्न किया गया। इसके अलावा विवेक काँड़पाल व योगेश कुमार ने टी आई मद में डीजल के नाम पर लाखों का गबन किया। उपखंड अधिकारी कि जांच में अपने पत्र संख्या 614 दिनांक 11-12-2023 व पूर्व के पत्रों में साफ-साफ बताया गया है कि विभाग का सामान प्राइवेट लाइन में लगाकर लाखों रुपए का गबन किया जा रहा है जिसका उदाहरण m/s prince enterprises के भीतर बनी 11 kv लाइन, श्री हरि इंडस्ट्री, मा गर्जिया packeging में बनी लाइन है। विवेक काँड़पाल व योगेश कुमार ने कार्यदायी संस्था के साथ मिलकर इन प्रकरणों में लाखों रुपए का गबन किया है। इन तमाम बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच कर एक सप्ताह के अंदर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है।

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