उत्तरप्रदेश

दयालबाग़ में धूमधाम से मनाया गया भाईदूज का त्यौहार..

भाई व बहन के अटूट रिश्ते को समर्पित भाईदूज का पर्व..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
आगरा: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाईदूज का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भाई यमराज और बहन के स्नेह एवं प्रेम को दर्शाता यह पर्व भारतवर्ष में आज भी भाई-बहन के अटूट रिश्ते को समर्पित है।दयालबाग़ में भैयादूज के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रातः खेतों की सेवा के पश्चात् समस्त भाई, बहन व बच्चे दयालबाग़ के पी॰ टी॰ ग्राउन्ड पर इकठ्ठा हुए, जहाँ परम पूज्य प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब व आदरणीय रानी साहिबा के पधारने के पश्चात् समस्त उपस्थित जनों ने सामूहिक पी॰ टी॰ में भाग लिया। तत्पश्चात् संतसुपरमैन स्कीम के नन्हें मुन्ने बच्चों ने मनमोहक नृत्यगान प्रस्तुत किया। समस्त संगत को भाईदूज के विशेष कार्यक्रम के लिए यमुना तीरे वैकुण्ठधाम पर आमन्त्रित किया गया। यहाँ संतसुपरमैन स्कीम के नन्हें मुन्ने बच्चों ने भाईदूज पर बहुत ही आकर्षक नृत्यगान “ओ बहना मेरी बहना” गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद आदरणीय रानी साहिबा एवं परिवार के सदस्यों ने बहुत ही मनभावन कव्वाली “पन्नी गली से हुआ तुलू“ बहुत ही सूफियाना अंदाज में पेश किया। सभी उपस्थित जनों ने दोनों ही कार्यक्रमों का मुक्त कंठ से हर्षवर्धन किया। समस्त उपस्थित जनों को विशेष प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर परम पूज्य प्रोफेसर प्रेम सरन सतसंगी साहब ने अपनी बहन आदरणीय प्रेमिन बहन राजकुमारी वर्मा जी से रुहानी भाल पर टीका ग्रहण करने की मौज फरमा कर समस्त संगत को बहन भाई के अटूट रिश्तें का संदेश दिया। प्रसाद वितरण के बाद समस्त भाई बहन व बच्चे मार्च पास्ट के लिए पंक्तिबद्ध हो गए। परम पूज्य प्रोफेसर प्रेम सरन सतसंगी साहब ई-रिक्शा पर भ्रमण करते हुए समस्त संगत को अपनी दिव्य एवं रुहानी दृष्टि से सराबोर करते गए। मार्च पास्ट के बाद सभी लोगों ने विसर्जित होकर अपने घरों को प्रस्थान किया।

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