पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: कांवड़ मेले में जब पूरे जिले की पुलिस खराब मौसम और कठिन परिस्थितियों के बीच शिव भक्तों की सेवा कर रही थी, उसी वक्त बुग्गावाला क्षेत्र में कुछ पुलिसकर्मी दोनों हाथों से मेवा खा रहे थे। दरअसल, कांवड़ मेले की आड़ में बुग्गावाला क्षेत्र में जमकर हुए अवैध खनन के पीछे एक मोटी रकम के खेल की चर्चाएं सामने आई है।
आखिर क्या वजह है कि 7 जुलाई को एक ग्रामीण ने कंट्रोल रूम पर सूचना दी और पुलिस मौके पर पहुंची। मौके से अवैध खनन सामग्री से भरे ट्रैक्टर और नदी में तांडव मचाने वाली एक अत्याधुनिक खनन मशीन भी पकड़ी गई। लेकिन कार्रवाई के नाम पर खेला हो गया। पुलिस ने केवल एक ट्रैक्टर पकड़कर लीपापोती कर दी।
पुलिस को अवैध खनन की सूचना देने से लेकर टीम के मौके पर पहुंचने और अवैध खनन पकड़ने तक का गवाह खुद कंट्रोल रूम पर सूचना देने वाला ग्रामीण है। फिर ऐसी क्या वजह रही कि पुलिस को कार्रवाई से हाथ खींचने पड़े।
सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी खुद आमजन से यह अपील करते हैं कि अवैध खनन से लेकर किसी भी तरह की गलत काम की सूचना पुलिस को दें।
जब सूचना दी गई और शिकायत सही पाई गई तो आखिर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। ऐसे में यह भी माना जा सकता है कि हाथी के दांत दिखाने के और हैं और खाने के और।
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“आखिर कौन है साहब..??….
इस मामले को लेकर चर्चाएं जोरों पर है कि 7 जुलाई को बुग्गावाला पुलिस ने मोटी रकम का खेल किया। इतना ही नहीं, चर्चाओं में एक साहब का नाम भी आ रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि साहब किस स्तर के हैं। लेकिन आसपास के ग्रामीण बता रहे हैं कि साहब का नाम लेकर भी अवैध खनन का खेल जमकर खेला गया। जांच में यह स्पष्ट होना भी जरूरी है कि आखिर किस साहब के संरक्षण में अवैध खनन कराया गया।
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“क्रशरों ने भर लिए गोदाम…..
कांवड़ मेले की आड़ में अवैध खनन का तांडव ऐसा मचा के आसपास के तमाम कर चोरों ने अपने गोदाम भर डाले। अब उन्हें परवाह नहीं की बरसात में खनन हो पाए या नहीं। मेले के 10 दिनों के भीतर कई करोड़ रुपए का अवैध खनन किया गया। जिसमें नीचे से लेकर थोड़ा ऊपर तक वारे के न्यारे करने की बात सामने आ रही है। ऐसा नहीं है कि कांवड़ मेला खत्म होने के बाद अवैध खनन बंद हो गया या मेला शुरू होने से पहले खेल नहीं चल रहा था। हाल के कुछ महीनों में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुशासन का संदेश देते आ रहे हैं। लेकिन हरिद्वार जिले में सीएम के निर्देशों को ही बट्टा लगाया जा रहा है।
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