अपराधहरिद्वार

मारपीट के आरोपी दुकानदारों के पक्ष में भाजपा विधायक का कोतवाली में हाईवोल्टेज ड्रामा..

आला अधिकारियों के समझाने पर भी नहीं माने विधायक, आरोपियों के साथ ई रिक्शा में बैठकर पहुंचे कोर्ट..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: चुनाव आचार संहिता के बीच मारपीट के आरोप में गिरफ्तार कर कोतवाली लाए गए दुकानदारों के पक्ष में आए रानीपुर विधायक आदेश चौहान अपना चालान कराने की जिद पर अड़ गए। मामला अलग-अलग समुदाय से जुड़ा होने के चलते पुलिस हरकत में आ गई। आला अधिकारियों ने विधायक को नियम-कानून का तमाम हवाला दिया, लेकिन वह टस से मस नहीं हुए। अपनी ही पार्टी की सरकार में विधायक आरोपियों के पक्ष में आकर कोतवाली में ही बैठ गए और कहने लगे कि दुकानदारों का चालान किया गया तो उनका भी शांति भंग में चालान किया जाए। कई घंटे तक चल ड्रामे के बाद भाजपा विधायक आखिर में आरोपियों के साथ ही ऑटो रिक्शा में सवार होकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के लिए रवाना हुए। कोतवाली के बाद जिला अस्पताल में भी विधायक समर्थकों ने हंगामा किया। मामले की सूचना पर भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, मंडल अध्यक्ष राजेश शर्मा, पार्षद अनिरुद्ध भाटी व सचिन बेनीवाल समेत बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता जिला अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल में धरना देकर भाजपाइयों ने जमकर हंगामा किया।
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एक तो अतिक्रमण, ऊपर से सीना चोरी….
घटना सुबह क्षेत्र के पीठ बाजार की है। शुक्रवार सुबह तनवीर पुत्र इरफान निवासी पीठ बाजार किसी कार्य से घर से बाहर जा रहा था। इसी दौरान सड़क के दोनों तरफ दुकानों के बाहर जबरदस्त अतिक्रमण के चलते रोजाना की तरह जाम लग गया। युवक ने राजेश हलवाई की दुकान के सामने सड़क पर रखे सामान को अंदर रख लेने के लिए कह दिया। जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया। दुकान के कर्मचारियों ने मोटरसाइकिल सवार युवक की पिटाईकर दी। आनन फानन में पहुंची पुलिस चार आरोपी महेश, वंश, दिनेश और संजय उर्फ संजू को कोतवाली ले आई। सभी का शांतिभंग करने के आरोप में चालान कर दिया। इधर दोपहर बाद भाजपा विधायक आदेश चौहान कोतवाली जा धमके। पहले उन्होंने आरोपियों को कोतवाली से ही छोड़ देने की मांग शुरु कर दी, जब पुलिस ने समझाया कि उनका चालान हो गया। मजिस्ट्रेट के समक्ष उन्हें पेश किया जाएग, तब भी विधायक नहीं माने। वे कार्यालय कैंपस में धरने पर बैठ गए। सीओ ज्वालापुर शांतनु पाराशर, कोतवाली प्रभारी रमेश तनवार उन्हें समझाना चाहा, लेकिन मजाल है विधायक से टस से मस हुए हो। विधायक जिद पर अडे रहे कि आरोपियेां को छोड़ा जाए। या उनका भी चालान शांतिभंग करने के आरोप में कर दिया जाए। पुलिस जब आरोपियों को सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाने लगी, तब उस ऑटो रिक्शा में विधायक भी सवार हो गए, उसके बाद ही कोतवाली में मामला शांत हुआ। लेकिन विवाद की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता जिला अस्पताल पहुंच गए, जहां आरोपियों को मेडिकल के लिए ले जाया जाना था। यहां भी घंटे तक भाजपाइयों ने इमरजेंसी के बाहर धरना देकर नारेबाजी कर हंगामा किया।

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