पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: पर्यटकों को थूक कर चाय पिलाने वाले दोनों आरोपी भाइयों को देहरादून पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मजबूत धाराएं लगाकर उनकी हेकड़ी निकलते हुए दोनों को कोर्ट में पेश किया है। घटना के विरोध में हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, मुस्लिम संगठनों ने देहरादून में एसडीएम और कोतवाल को ज्ञापन देकर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई। पर्यटकों के मोबाइल में कैद हुई इस घिनौनी हरकत का वीडियो वायरल हो रहा है।
लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं कि ऐसी हरकत करने के पीछे आखिर आरोपियों की मंशा क्या रही होगी। खास बात यह है कि सोशल मीडिया पर हर समाज के लोग कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक, देहरादून के नेहरू ग्राम (रायपुर ) निवासी हिमांशु बिश्नोई बीते 29 सितंबर 2024 को मसूरी घूमने गए थे। सुबह लगभग 6:30 बजे मसूरी लाइब्रेरी चौक पर सड़क किनारे एक चाय की स्टाल पर दो युवकों को चाय, मैगी बन्द मक्खन जैसे आइटम बेचते हुए देखा।
उन्होंने भी स्टॉल के लड़कों से चाय का प्याला लिया और आसपास घने-कोहरे और पहाड़ों के नजारे को यादगार बनाने के लिए अपने मोबाइल से वीडियो बनाने लगे। तभी एक युवक चाय बनाने वाले बर्तन में थूकता नजर आया।
आरोप है कि घिनौनी हरकत देख जब हिमांशु ने विरोध किया तो दोनों युवकों ने हिमांशु को गाली गलौज करते हुए धमकी दे डाली।
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हिमांशु बिश्नोई ने वीडियोग्राफी के साथ एसएसपी देहरादून को ईमेल पर शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर आरोपी नौशाद और हसन निवासीगण खतौली मुजफ्फरनगर के खिलाफ नए कानून BNS के तहत धारा 196 (1) B, 274,299,351 और 352 में मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस ने बुधवार को उन्हें आशारोड़ी चौकी के पास से गिरफ्तार कर लिया। दोनों को जमकर फटकार लगाने के बाद कोर्ट में पेश किया गया।
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शरारत, साजिश या कुछ और….?
थूक कर सामान बेचने के मामले कई बार सामने आ चुके हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि घिनौनी और शर्मनाक हरकत महज कोई शरारत है या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश है। ऐसे अधिकांश मामलों में मुस्लिम समुदाय के लोगों की भूमिका ही सामने आती है। हालांकि, कई मामलों में अन्य समुदाय के आरोपियों के नाम भी सामने आए हैं।
कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश में एक फालूदा कुल्फी विक्रेता का वीडियो भी ऐसे ही घिनौनी हरकत का परिणाम था। इतना ज़रूर है कि जिन मामलों में मुस्लिम समुदाय का जुड़ाव सामने आया है, उनमें बुधवार की तरह हिंदूवादी संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन और आक्रोश जताया गया है।
यह स्पष्ट है कि कोई भी धर्म, जाति समुदाय ऐसा कुकृत्य करने की इजाजत नहीं देता है। कुल मिलाकर ऐसे मामले पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है और मानसिक विकृत लोग सामाजिकता के लिए खतरा हैं। इसके पीछे की असल वजह सामने आनी जरूरी है, ताकि माहौल खराब होने से पहले कार्रवाई की जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।