उत्तराखंड

मदरसों पर हो रही कार्रवाई को लेकर कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिला..

हरीश रावत बोले – धार्मिक शिक्षाओं पर पाबंदी अस्वीकार्य, सरकार को तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए..

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: उत्तराखंड में मदरसों पर हो रही कार्यवाही के खिलाफ कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मिला।प्रतिनिधिमंडल में विधायक काजी निजामुद्दीन, ममता राकेश, फुरकान अहमद, रवि बहादुर, अनुपमा रावत, वीरेंद्र जाति, आदेश चौहान, वीरेंद्र रावत, जिला अध्यक्ष राजीव चौधरी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली मौजूद रहे।हरीश रावत ने मुख्य सचिव के समक्ष मदरसों पर की जा रही अनावश्यक कार्यवाही को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहाँ उर्दू, फारसी और मौलवियत की डिग्री दी जाती है, वहाँ पंजीकरण अनिवार्य हो सकता है, लेकिन केवल धार्मिक शिक्षा और कुरान पढ़ने वाले संस्थानों पर कार्रवाई करना पूरी तरह गलत है। उन्होंने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की माँग की।
————————————
“इबादतगाहों को सरकार की इजाजत की जरूरत नहीं” – कांग्रेस विधायक….बैठक के दौरान कांग्रेस विधायकों ने एकमत होकर कहा कि किसी भी धर्म के अनुयायी गीता, रामायण, पुराण, बाइबल, इंजील, गुरु ग्रंथ साहिब या कुरान पढ़ने के लिए स्वतंत्र हैं और इसके लिए किसी भी सरकार की अनुमति आवश्यक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि भविष्य में यदि इस तरह की कोई कार्यवाही हो, तो पहले कम से कम 6 महीने का नोटिस दिया जाए ताकि संबंधित पक्ष अपनी बात रख सके।
————————————
वन गुर्जरों की सील की गई संपत्ति पर भी उठी आवाज…..बैठक के दौरान राव आफाक अली ने वन गुर्जरों की संपत्ति पर की गई कार्यवाही का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि चार वन गुर्जर परिवारों की निजी ज़मीन पर बने कमरे, जहाँ केवल उनके ही बच्चे कुरान और नमाज़ पढ़ते थे, को प्रशासन ने सील कर दिया। उन्होंने इस कार्यवाही को तत्काल रद्द करने की माँग की और इसका सोसाइटी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र भी मुख्य सचिव को सौंपा।
————————————
सरकार जल्द लेगी निर्णय, मुख्यमंत्री तक पहुँचाया जाएगा मामला….मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री जल्द दिल्ली से लौट रहे हैं, और इस पूरे मामले को उनके संज्ञान में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले पर उचित निर्णय लिया जाएगा।
————————————
कांग्रेस विधायकों की प्रमुख माँगें….✔ मदरसों पर हो रही अनावश्यक कार्यवाही को तत्काल रोका जाए।
✔ भविष्य में किसी भी धार्मिक संस्था पर कार्यवाही से पहले 6 महीने का नोटिस दिया जाए।
✔ वन गुर्जरों की संपत्तियों को अवैध रूप से सील करने की प्रक्रिया पर पुनर्विचार हो।
✔ धार्मिक पुस्तकों की पढ़ाई के लिए सरकारी पंजीकरण या अनुमति अनिवार्य न हो। इस बैठक के बाद कांग्रेस विधायकों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मामले पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो वे जनता के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!