
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: टिहरी जेल में हरिद्वार के पत्रकार नावेद अख्तर के साथ हुए अमानवीय बर्ताव और मुकदमा दर्ज कर जेल भेजे जाने के खिलाफ कई संगठन मुखर हो गए हैं। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों, नेताओं और भीम आर्मी ने सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस मामले में भीम आर्मी कार्यकर्ता शनिवार की सुबह सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजेंगे। वहीं, पीड़ित पत्रकार को आईजी जेल के निर्देश पर टिहरी से देहरादून जेल शिफ्ट कर दिया गया है।
गौरतलब है कि संडे पोस्ट, शाह टाइम्स आदि समाचार पत्रों से जुड़े नावेद अख्तर को टिहरी जेल में एक राजपूत बंदी की चोटी व मूंछ काटे जाने की सूचना मिली थी। उन्होंने पड़ताल करने और सच जानने के लिए टिहरी जेल अधीक्षक अनुराग मलिक से संपर्क साधा। पहले तो अधीक्षक ने आरोपों से इन्कार किया, फिर खुद फोन कर नावेद को टिहरी बुलाया। जेल के भीतर नावेद की बेरहमी से पिटाई करने के बाद मुकदमा दर्ज कराते हुए पुलिस को सौंप दिया गया। अधीक्षक का आरोप है कि नावेद ने जेल में घुसकर हमला किया है। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। कोई पत्रकार भला जेल के अंदर जाकर किसी पर हमला क्यों करेगा। वहीं, सबसे ज्यादा सवाल नावेद के चेहरे और शरीर पर दिखाए जा रहे चोट के निशान व जख्मों से खड़े हो रहे हैं। आखिरकार अधीक्षक को किसी पत्रकार के साथ इतनी बेरहमी से मारपीट करने का अधिकार किसने दिया है। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने बाकायदा फेसबुक पोस्ट लिखकर मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की निस्पक्ष जांच की मांग की है। ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर,
कलियर विधायक फुरकान अहमद, भगवानपुर विधायक ममता राकेश सहित जनपद के तमाम कांग्रेस नेताओं ने शासन प्रशासन से इस पूरे मामले की बारीकी से जांच करने की मांग की है। साथ ही पत्रकार संगठनों ने भी नावेद पर दर्ज झूठे मुकदमें रद्द कर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। भीम आर्मी के कार्यकर्ता शनिवार को इस बारे में सिटी मजिस्ट्रेट हरिद्वार के माध्यम से ज्ञापन भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भेजेंगे।