हरिद्वार

खेतों में गन्ने की पत्तियां और पराली जलाने पर लगा प्रतिबंध, डीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश..

जंगलों में आग की लगातार सामने आ रही घटनाओं को देखते हुए लिया गया फैसला, पुलिस, राजस्व, कृषि और वन विभाग करेगा निगरानी..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: बढ़ती गर्मी के तापमान के साथ जंगल धधकने के मामले भी सामने आने लगे है, ऐसे में फसलों की पराली, गन्ने की पत्तियां और गेहूं की फसलों के अवशेष जलाने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है।

फाइल फोटो: धीराज सिंह गर्ब्याल (जिलाधिकारी हरिद्वार)

जिलाधिकारी हरिद्वार धीराज सिंह गर्ब्याल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में बढ़ती गर्मी के मद्देनजर राज्य के कई हिस्सों में वनाग्नि की घटनाएं सामने आरही है। जिससे जंगल को बड़ा नुकसान हो रहा है।

फाइल फोटो

पूर्व में ऐसा देखा गया है कि जनपद हरिद्वार में अधिकांश कृषको/काश्तकारों ने गेहूँ की फसल कटाई के बाद बचे हुए अवशेष व गन्ने की पत्तियों को जलाया जाता हैं। जो भारतीय दण्ड संहिता 1860 एवं वायु प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 के अंतर्गत एक कानूनी अपराध है।

फाइल फोटो

वर्तमान में प्रचण्ड गर्मी के कारण तापमान में ओर बढोत्तरी होने की सम्भावना है। ऐसे में गेहूँ की फसल कटाई के बाद बचे हुए अवशेष व गन्ने की पत्तियों को जलाये जाने से इस बात की प्रबल सम्भावना है कि तेज हवा के कारण नजदीक के जंगलो के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी अग्निकांड जैसी घटना हो सकता है। जिसपर तत्काल रोक लगाया जाना आवश्यक हैं।
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ये है आदेश…..

फाइल फोटो

जिलाधिकारी हरिद्वार धीराज सिंह गर्ब्याल ने जनहित में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 30 के उपबन्धों में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनपद हरिद्वार अंतर्गत अग्रिम आदेशों तक फसलों की पराली, गन्ने की पत्तियों आदि को जलाने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाता हैं। यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जायेगी। वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग व कृषि विभाग को उपरोक्तानुसार निगरानी सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कृषि, राजस्व, पुलिस सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आदेशों का कडाई से अनुपालन तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।

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