पंच👊नामा
खुद को प्राधिकरण का अधिकारी बताकर एक निर्माणाधीन मकान के मालिक से 80 हजार रुपये की डिमांड कर दी गई। निर्माणाधीन भवन सील होने के डर से मालिक ने 50 हजार रुपये दे भी दिए। शक होने पर पीड़ित ने जब प्राधिकरण दफ्तर जाकर पता किया तो उस नाम का कोई अधिकारी नहीं पाया गया। बकाया 30 हजार रुपये लेने पहुंचे फर्जी अफसर को पीड़ित ने पुलिस के हवाले कर दिया। जबकि दूसरे की तलाश जारी है।
पुलिस के अनुसार अभिषेक निवासी ऋषिनगर अधोईवाला रायपुर ने थाने में तहरीर दी कि उनका आमवाला में मकान बन रहा है। मकान का नक्शा एमडीडीए ( मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) से पास हो चुका है। 31 दिसंबर को निर्माणाधीन मकान पर दो व्यक्ति पहुंचे और खुद को एमडीडीए अधिकारी बता रहे थे। शातिरों ने अपना नाम रवि रंजन व सुधाशु पांडे बताया और नक्शा गलत होने की बात कहकर 80 हजार रुपये की डिमांड की। आरोपियों ने डरा धमकाकर अभिषेक से 50 हजार रुपये हड़प लिए। पीड़ित ने एमडीडीए जाकर दोनों के नाम पता किए तो जानकारी मिली कि ऐसा कोई अधिकारी नहीं है। तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
रविवार को रवि रंजन बाकी बचे 30 हजार रुपये लेने के लिए पहुंचा और रुपये मांगने लगा। अभिषेक ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में आरोपी रवि रंजन निवासी डोभालवाला नेशविला रोड मूल निवासी ग्राम लखमीनिया मार्केट जिला बेगुसराय बिहार ने बताया कि वह बीटेक पास है। कुछ दिन पहले वह नौकरी की तलाश में देहरादून आया था। नौकरी न मिलने के कारण उसने अपने दोस्त सुधांशु पांडे के साथ मिलकर धोखाधड़ी का नया तरीका अपनाया। इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह रावत ने बताया कि दूसरे आरोपी की तलाश की जा रही है।