
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
उत्तराखंड डेस्क: एम्स ऋषिकेश में 6.57 करोड़ रुपये की वेसल्सीलिंग मशीन की खरीद घोटाले में आखिरकार सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करा दी है। इस मुकदमे में बिहार के पूर्व पर्यटन मंत्री सहित सात लोगों को नामजद किया गया है।

जबकि एक अज्ञात पर मुकदमा दर्ज हुआ है। इतना ही नहीं, सीबीआई टीम ने आवासीय परिसर में रहने वाले एक प्रोफेसर से करीब पांच घंटे तक पूछताछ भी की।

खबरों के मुताबिक, पिछले दिनों ऋषिकेश एम्स में वेसल सीलिंग मशीन खरीद में हुई धांधली के मामले में सीबीआई जांच कर रही है। बीते 31 मार्च को सीबीआई जांच के बाद दस्तावेज अपने साथ ले गई थी।

ऐसा बताया गया है कि जिस कमेटी के माध्यम से खरीद प्रक्रिया पूरी कराई गई, उसमें गड़बड़ी पाई गई। इसमें करीब 2.41 करोड़ की गड़बड़ी मिली है। जांच में यह भी सामने आया कि एक अन्य कंपनी इसी मशीन को काफी कम दाम पर उपलब्ध करा रही थी, लेकिन क्रय समिति ने महंगे दामों पर मशीन की खरीद कर डाली।

खास बात यह है कि सात मशीनें बिना टेंडर के ही ऐसी कंपनी से खरीदी गई। एम्स के कानूनी सलाहकार प्रदीप पांडेय ने मीडिया से बातचीत में सात लोगों के खिलाफ नामजद और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज होने की पुष्टि की है।

बिहार के पूर्व पर्यटन मंत्री निखिल गुप्ता सहित खरीद फरोख्त में शामिल कुछ कंपनियों व आरोपियों सहित कुल सात नामजद व एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर कराई गई है। एम्स प्रशासन की ओर ऋषिकेश कोतवाली में ये एफआईआर दर्ज कराई गई है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में सीबीआई जल्द ही कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर सकती है।
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“इन पर दर्ज हुआ मुकदमा….
1. ऋषिकेश एम्स के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के जित्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. बलराम निवासी एम्स आवासीय परिसर
2. मैसर्स आरोग्य इंटरनेशनल प्रशांत विहार नई दिल्ली।
3. व 4. विश्ववीर वर्मा और सुमन वर्मा दोनों निवासी पीतमपुरा नई दिल्ली।
5. मैसर्स रिया एजेंसी जोधपुर राजस्थान
6. निखिल कुमार निवासी एमपी कोठी महादेव रोड नई दिल्ली।
7. आदित्य कुमार सिंह निवासी जगसरा जोधपुर राजस्थान
8. हरदोई यूपी निवासी एक अज्ञात
