हरिद्वार

बीबी फातिमा ज़हरा के यौमे शहादत पर रक्तदान कर “इंसानियत और ख़िदमत” का दिया पैग़ाम..

अंजुमन फरोगे अज़ा और ब्लड वॉलिंटियर्स हरिद्वार ने मिलकर इमामबाड़ा में लगाया शिविर..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: अंजुमन फ़रोग़-ए-अज़ा और ब्लड वॉलिंटियर्स टीम के संयुक्त तत्वावधान में इमामबाड़ा अहबाब नगर में एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराना और इंसानियत के फ़र्ज़ को निभाना था। संस्था के कोषाध्यक्ष सय्यद एहतेशाम अब्बास ज़ैदी के नेतृत्व में आयोजित इस शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और 45 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।संस्था के अध्यक्ष हैदर नक़वी ने बताया कि अंजुमन फ़रोग़-ए-अज़ा हर वर्ष पैगंबर मोहम्मद साहब की बेटी बीबी फातिमा ज़हरा की शहादत को याद करते हुए रक्तदान शिविर का आयोजन करती आ रही है। उन्होंने कहा कि इस कार्य का मुख्य उद्देश्य मानवता की सेवा करना और किसी ज़रूरतमंद का जीवन बचाना है। हैदर नक़वी ने बीबी फातिमा ज़हरा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “बीबी फातिमा ज़हरा जन्नत की औरतों की सरदार हैं। उन्होंने अपने जीवन में महिलाओं की शिक्षा और सम्मान का संदेश दिया। पैगंबर मोहम्मद साहब ने भी बेटियों के सम्मान और उनकी अहमियत पर विशेष जोर दिया। ”इस शिविर में मुस्लिम युवाओं और महिलाओं के अलावा अन्य धर्मों के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की।
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वॉलिंटियर्स टीम का योगदान…..शिविर में ब्लड वॉलिंटियर्स टीम के सदस्य अनिल अरोड़ा और विक्रम ने विशेष सहयोग दिया और संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में हर संभव मदद का आश्वासन दिया। ब्लड वॉलिंटियर्स टीम पूरे उत्तराखंड और देशभर में जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस टीम के सहयोग से शिविर को सुचारू रूप से संपन्न किया गया।
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मजलिस का आयोजन……संस्था के सचिव फिरोज़ ज़ैदी ने बताया कि तीन दिनों तक इमामबाड़ा अहबाब नगर में बीबी फातिमा ज़हरा की शहादत को याद करते हुए मजलिस (शोक सभा) का आयोजन किया गया। मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद अब्बास साबरी ने बीबी फातिमा ज़हरा की शहादत पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पैगंबर मोहम्मद साहब के दुनिया से जाने के बाद बीबी को बहुत कष्ट झेलना पड़ा। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, तीन जमादुस्सानी को उनका निधन हुआ।
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रक्तदान करने वाले योद्धा…….शिविर में 45 रक्तवीरों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। प्रमुख रक्तदाताओं में असमा परवीन, शाहनवाज मंसूरी, नोमान अंसारी, हाजी अमान खान, फहीम खान, फुरकान अंसारी, हर्ष, पंकज, परवेज फारूकी, सुहैल, हिलाल, तालिब, नवाज़िश खान, अज़हर अंसारी, टीपू सुल्तान, अबुज़र, ज़ुबैर, सलीम अहमद, शहज़ाद, कल्लन भाई, गौहर जाफ़री, हादी हसन, बिलाल रज़ा, शोएब नक़वी आदि शामिल थे।
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संस्था का संदेश…..अंजुमन फ़रोग़-ए-अज़ा ने इस शिविर के माध्यम से यह संदेश दिया कि रक्तदान एक पवित्र कार्य है जो मानवता की सेवा का प्रतीक है। संस्था ने रक्तदान शिविर में भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों और ब्लड वॉलिंटियर्स टीम का धन्यवाद किया और भविष्य में भी इस तरह के आयोजन जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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