
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
दिनेश वर्मा एडवोकेट, हरिद्वार: अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते हुए शारीरिक संबंध बनाने के मामले में महिला दारोगा ने पीड़िता का मेडिकल कराए बगैर आरोपी के खिलाफ चार्जशीट लगा दी। महिला दारोगा का कहना था कि पीड़िता ने मेडिकल कराने से इन्कार कर दिया था। लेकिन कोर्ट ने इसे विवेचक की लापरवाही मानते हुए एसएसपी को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि 27 जून 2021 में पथरी क्षेत्र के गांव में पीड़ित महिला ने चचेरे देवर पर अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाने का केस दर्ज कराया था। केस की विवेचक एसआई किरण गुसांईं ने आरोपी देवर के खिलाफ संगीन धाराओं में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। मुकदमे में पीड़िता समेत पांच गवाह बनाए गए थे। अभियोजन साक्ष्य के दौरान विवेचक ने बताया कि पीड़ित महिला ने मेडिकल जांच कराने से इंकार कर दिया था। जिसपर विवेचना के वक्त पीड़ित महिला की मेडिकल जांच नहीं कराई थी। लेकिन इस संबंध में पीड़ित महिला से कोई लिखित अनुमति भी नहीं ली गई थी। जोकि दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले में पीड़ित महिला मेडिकल जांच कराया जाना जरूरी था। जिसपर विचारण कोर्ट ने माना कि विवेचक को पीड़ित महिला के मेडिकल जांच न कराने से इंकार करने लिखित अनुमति पत्र पत्रावली पर दाखिल करना चाहिए था। क्योंकि दुष्कर्म जैसे मामलों में मेडिकल महत्वपूर्ण साक्ष्य साबित हो सकता है। ऐसी स्थिति में संबंधित विवेचक की केस की विवेचना के दौरान पीड़िता की चिकित्सक से मेडिकल जांच नहीं कराने पर घोर लापरवाही दर्शायी प्रतीत होती हैं। जबकि संबंधित विवेचक को मामले की गंभीरता व कानून में दिए गए प्रावधान के अनुपालन में पीड़ित महिला का मेडिकल परीक्षण कराना चाहिए था। अपर जिला जज/एफटीएससी कोर्ट न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने केस की विवेचक एसआई किरण गुसाईं को गंभीर रूप से विवेचना संबंधी लापरवाही बरतने का दोषी पाया है। कोर्ट ने उक्त आदेश की एक प्रति एसएसपी हरिद्वार को भेजने और विवेचक के विरुद्ध उचित कार्रवाई कर एक माह में संबंधित कोर्ट को अवगत कराने के आदेश दिए हैं।