पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जिले के पंचायत चुनाव में आक्रामक प्रदर्शन करने के बाद भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में क्लीनस्वीप करते हुए इतिहास रच दिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने इस पूरे चुनाव में किंग मेकर बनकर उभरे हैं।
जिला पंचायत और नारसन को छोड़कर बाकी पांच ब्लॉक प्रमुखों के प्रत्याशियों के सामने विपक्षी दलों के प्रत्याशी नामांकन पत्र दाखिल तक नहीं कर सके। चुनाव एक तरफा होने से स्वामी यतीश्वरानंद का कद बढ़ गया है। उन्होंने जिला पंचायत चुनाव में पहली बार दखल दिया और चमत्कार करके दिखा दिया। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने इसका श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ जनपदवासियों को दिया है। उनका कहना है कि सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के सहयोग से ही संभव हुआ है।हरिद्वार जनपद का गठन 28 दिसंबर सन 1988 को हुआ था। जिला पंचायत हरिद्वार का गठन होने पर पहला चुनाव सन 1995 में हुआ था। जिसके निर्वाचित अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी के नेता चौधरी राजेंद्र सिंह बने थे। सन 2000 में उत्तराखंड प्रदेश का अलग से गठन हुआ तो प्रदेश में सरकार कभी कांग्रेस की तो कभी भाजपा की बनती रही, लेकिन जिला पंचायत हरिद्वार में भाजपा का बोर्ड नहीं बन सका। अब उत्तराखंड में 2022 में भाजपा की लगातार दूसरी बार सरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बनीं और हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुए। चुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विकास नीतियों पर लड़ा गया। चुनाव की समस्त जिम्मेदारी पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के कंधों पर आ गई। प्रत्याशियों को जिताने के लिए स्वामी यतीश्वरानंद ने जी—तोड़ रात दिन मेहनत की। उनकी मेहनत का परिणाम यह निकलकर सामने आया कि जनपद में 14 जिला पंचायत सदस्य जीतकर आए, लेकिन जैसे ही चुनाव परिणाम आया तो निर्दलीयों के साथ अन्य पार्टियों के सदस्य भी भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में जिला पंचायत सदस्य 33 शामिल हो गए तो अन्य 8 सदस्यों ने भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह उर्फ चौधरी किरण सिंह को समर्थन दे दिया। एक तरफा सदस्यों के आने से जिला पंचायत में विपक्ष के मंसूबे धराशायी हो गए।
जिला पंचायत में अध्यक्ष राजेंद्र सिंह और उपाध्यक्ष अमित चौहान के सामने विपक्षी दलों के प्रत्याशी नामांकन पत्र खरीदने तक की हिम्मत नहीं जुटा सके। जिससे नामांकन के अंतिम दिन दोनों पदों पर भाजपा के ही प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल हो सके। यही हाल ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में हुआ। जनपद के पांच ब्लॉकों के बीडीसी सदस्य पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के प्रयास से भाजपा में शामिल हो गए तो शेष बचे सदस्यों ने समर्थन दे दिया। जिसका नतीजा ये यह हुआ पांच ब्लॉकों में भाजपा के समर्थित प्रत्याशियों के नामांकनों के सामने दूसरा कोई प्रत्याशी सामने नहीं आ सका।
जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुखों के सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुने जाने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने इसका श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और जनपदवासियों के एक—एक व्यक्ति को दिया है। उनका कहना है कि भाजपा की विकास की नीतियों के बल पर यह संभव हुआ।