ज्वालापुर में ही कार्यकर्ता नहीं जुटा सके कांग्रेसी, माहरा को किस भरोसे हरिद्वार से लड़वाएंगे चुनाव..
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, महानगर अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी सहित कई नेता रहे गायब, युवा और महिला कांग्रेस की भी निकली हवा..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: लोकसभा, विधानसभा या महापौर का चुनाव हो, या फिर रैलियों में भीड़ जुटाने की बात हो तो हरिद्वार में कांग्रेस की उम्मीद ज्वालापुर से शुरू होती है। लेकिन रविवार को ज्वालापुर में हुए कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में खाली कुर्सियों ने धड़ों में बंटी कांग्रेस के नेताओं की जमीन हिला दी। हाल यह रहा कि कांग्रेस का शहर और ग्रामीण संगठन, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआई आदि मिलकर भी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले मुस्लिम बाहुल्य ज्वालापुर में इतने कार्यकर्ता नहीं जुटा सके कि सम्मेलन में मंगाई गई सारी कुर्सियां भर सकें। वह भी तब, जबकि लोकसभा चुनाव सिर पर है और कांग्रेसियों का एक गुट कई महीने से प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा को चुनाव लड़ाने की माला जपने में लगा है। कार्यकर्ता सम्मेलन में कांग्रेस नेताओं ने अपने भाषण में प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर जीत का दावा तो किया, ये सपना साकार कैसे होगा, इसके लिए पार्टी कितनी तैयार है, इन सवालों का जवाब सम्मेलन में खुद ही नजर आ गया। कांग्रेस के कई धड़े सम्मेलन से पूरी तरह गायब रहे। यहां तक की जिन नेताओं के फोटो पोस्टर-बैनर पर लगाए गए थे, उनमें भी कई नेता नदारद दिखे। युवाओं और महिलाओं की संख्या इतनी कम रही कि लग रहा है कि पार्टी में इन दोनों अनुषांगिक संगठनों का कोई वजूद ही नहीं है। नेताओं को तो छोड़िये, पार्टी के विधायकों ने ही शायद प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया। प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के चेहरे का रंग मंच पर चढ़कर सामने की तरफ देखते ही उड़ गया। मंच जहां नेताओं से खचाखच भरा हुआ था, सामने की तरफ कुर्सियां खाली दिखी। बड़ी संख्या में कुर्सियां तो बिछाई ही नहीं गई। इन परस्थितियों में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा यदि हरिद्वार के नेताओं के भरोसे चुनावी मैदान में कूदने की हिम्मत कर पाएं तो गनीमत है।
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हरदा अयोध्या, सतपाल हरियाणा…….
शहर में कार्यकर्ता सम्मेलन के बैनर पोस्टर जोर शोर से लगाए गए। जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का फोटो लगाया गया और कार्यक्रम के निमंत्रण संदेश में भी हरदा के आने का दावा किया गया। लेकिन हरीश रावत पूर्व निर्धारित कार्यक्रम बताकर रविवार की सुबह ही दिल्ली से राम मंदिर के दर्शन करने अयोध्या पहुंच गए।
हरीश रावत ने एक रात पहले ही अपने फेसबुक एकाउंट से यह जानकारी शेयर कर दी। जिसको लेकर कार्यकर्ताओं में सम्मेलन से पहले ही रात में कानाफूसी शुरू हो गई थी। वहीं, कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी भी कार्यक्रम में नहीं दिखे। बताया गया है कि वह सोनीपत हरियाणा में हैं। इसको लेकर भी चुनावी चर्चा कई नेताओं की जुबान पर रही।