
पंच👊नामा
गोल्डन भाई, हरिद्वार: देशभर में लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज़ हो चली है, चुनाव में क़िस्मत आजमाने वाले दावेदार अपनी-अपनी चुनावी जमीन तैयार करने में जुटे है। उत्तराखंड प्रदेश की पांच सीटों में तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सांसदों पर विश्वास जताते हुए उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया है,

जबकि हरिद्वार और पौड़ी सीट पर अभी प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नही की गई हैं। वही पांचों सीटों पर कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नही खोले है, यानी अभी कांग्रेस ने उत्तराखंड की किसी भी सीट पर प्रत्याशी घोषित नही किया है।

इन सबके बीच बसपा या अन्य दल उत्तराखंड की सियासत में कही नजर नही आरहे है। बात अगर हरिद्वार लोकसभा सीट की कि जाए तो कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष करण माहरा का नाम प्रत्याशी के रूप चल रहा है।

जबकि भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद महाराज और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व हरिद्वार विधायक मदन कौशिक का नाम प्रमुख तौर पर लिया जा रहा है। इन्ही सबके बीच हरिद्वार लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके खानपुर विधायक उमेश कुमार को भी लोग मजबूत कंडीडेट के रूप में देख रहे है।

हालांकि सियासी गलियारों से आवाज ये भी आरही है कि कांग्रेस उमेश कुमार पर भी दांव खेल सकती है, लोगों का तो यहां तक कहना है कि अगर कांग्रेस को हरिद्वार सीट पर जीत हासिल करनी है तो जिताऊ कंडीडेट को टिकट देकर मैदान में उतारे और परिवारवाद वाले बुजुर्ग नेताओ को संगठन का मार्गदर्शक बनाकर उनसे काम ले।
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प्रदेश गठन के बाद से हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस का इतिहास…..

उत्तराखंड प्रदेश गठन के बाद 2009 में कांग्रेस ने हरिद्वार लोकसभा सीट पहली बार जीत हासिल की, इससे पहले या बाद में कांग्रेस के लिए हरिद्वार लोकसभा सीट मात्र एक सुनहरा सपना बनकर रही है, जिसमे कांग्रेस प्रत्याशी ने किस्मत तो आजमाई लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2009 में जब कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हरीश रावत जनता के बीच पहुँचे तो हरिद्वार की जनता ने उन्हें भारी मतों से वीजयी बनाकर संसद भेजने का काम किया।

जिसके बाद हरीश रावत केंद्र में मंत्री रहे और फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी बने। उत्तराखंड के सीएम रहते हरीश रावत ने 2014 के लोकसभा चुनाव में हरिद्वार सीट पर अपनी पत्नी को कांग्रेस प्रत्याशी बनवाया इस परिवारवाद के कारण कांग्रेस को हरिद्वार सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा, इसके बाद हरिद्वार सीट कांग्रेस के लिए एक सपना बनकर रह गई। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर से हरीश रावत हरिद्वार सीट पर टिकट के लिए अड़े है, हालांकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष करण माहरा का नाम पर प्रबल दावेदार के रूप में लिया जा रहा है।
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विधानसभा का चुनाव भी नही जीत पाए रावत……

उत्तराखंड में कांग्रेस ने 2017 का विधानसभा चुनाव हरीश रावत के नेतृत्व में लड़ा, खुद हरीश रावत दो सीटों से चुनाव लड़े जिसमे रावत को दोनो सीटो पर हार का सामना करना पड़ा, इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में हरीश रावत नैनीताल सीट से चुनाव लड़े, जिसमे भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने हरीश रावत के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जिसमे कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई खुद हरीश रावत भी विधानसभा का चुनाव हार बैठे। असम और पंजाब का प्रभारी रहते हुए दोनो प्रदेशो से कांग्रेस की विदाई हुई। लोगों का कहना है कि अब कांग्रेस को बुजुर्ग नेताओ को संगठन की जिम्मेदारी सौंपकर युवा जिताऊ कंडीडेट मैदान में उतारने चाहिए।
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हरिद्वार सीट पर उम्मीद की किरण है उमेश कुमार……

खानपुर से निर्दलीय विधायक के रूप में जीत हासिल करने वाले वरिष्ठ पत्रकार उमेश कुमार हरिद्वार सीट पर खुद को लोकसभा का कंडीडेट घोषित कर चुके है, बाकायदा लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी जोरो शोरो पर चल रही है। प्रचार प्रसार से लेकर जनसेवा और विकास कार्यों को उमेश कुमार हाथों हाथ ले रहे है। निर्धन/गरीब कन्याओं की शादी/विवाह कराने के मामले में भी उमेश खूब वाहवाही बटोर रहे है।

कयास लगाए जा रहे है कि उमेश कुमार कांग्रेस के सिंबल पर हरिद्वार से चुनाव लड़ सकते है लेकिन इसमे कितनी सच्चाई है ये तो उमेश या कांग्रेस जाने लेकिन लोगों में चर्चा है कि अगर कांग्रेस उमेश को टिकट देती है तो उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए ये संजीवनी साबित होगा। बहरहाल चुनावी दौर है और चर्चाओं का बाजार भी गर्म है, अगले कुछ दिनों में सारी स्तिथि स्पष्ट हो जाएगी।