अपनी “रवायत भूली कांग्रेस, कलियर आकर भी “दरगाह में हाजिरी नहीं…….
: परिवर्तन यात्रा के दूसरे दिन जुटी मुस्लिमों की भारी भीड़..
: जियारत के लिए पांच मिनट का समय नहीं निकाल सके दिग्गज…
पंच👊नामा
(सुल्तान) हरिद्वार: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का मिशन लेकर यात्रा पर निकली कांग्रेस ने उत्तराखंड में मुस्लिमों के सबसे बड़े धर्मस्थल पर अपनी पुरानी रवायत को ही भुला दिया। कांग्रेस के दिग्गज पिरान कलियर आकर भी दरगाह में हाजिरी के लिए पांच मिनट का वक्त नहीं निकाल सके।
अल्पसंख्यक वोटों पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझने वाली कांग्रेस की “परिवर्तन यात्रा का रविवार को कलियर में अहम पड़ाव था। जनसभा में मुस्लिमों की भारी भीड़ उमड़ी। प्रदेश प्रभारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और विधायक तक को वोट मांगना याद रहा, पर चंद कदम की दूरी पर दरगाह पर हाजिरी लगाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। जबकि हरिद्वार में यात्रा शुरू करने से एक दिन पहले ही कांग्रेस के दिग्गजों ने हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन किया। सांप्रदायिक सौहार्द्र की बात करने वाली कांग्रेस नेताओं को अच्छी तरह मालूम है कि हरकी पैड़ी के बाद पिरान कलियर जिले का दूसरा बड़ा धर्मस्थल है, जहां देश विदेश से सर्वधर्म के जायरीन पहुंचते हैं। चुनावी मुहाने पर खड़ी कांग्रेस का यह बदला मिजाज अल्पसंख्यक वोटरों के लिए चौंकाने वाला है। जिसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। यह कोई भूल है या फिर अल्पसंख्यक प्रेम की छवि से निकलने के लिए जानबूझकर किनारा किया गया है। जिससे कट्टर हिंदू वोटरों को साधा जा सके। ऐसी कई चर्चाएं जिले की राजनीति में शुरू हो गई है।
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हरीश रावत की गैर मौजूदगी का अहसास………
यहां दिगर यह भी है कि पूर्व सीएम हरीश रावत रुड़की क्षेत्र में आने पर कभी भी दरगाह में हाजिरी लगाना नहीं भूलते। रविवार को अगर हरीश रावत परिवर्तन यात्रा में शामिल होते तो ऐसा कभी न होता। इस घटनाक्रम ने हरीश रावत की गैर मौजूदगी का अहसास करा दिया है। चुनाव संचालन समिति के मुखिया हरीश रावत की गैर मौजूदगी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा अगर ऐसे ही रास्ते में गड्ढे खोदती रही तो 2022 में सत्ता हासिल करना इतना आसान नहीं होगा।
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विधायक के लिए भी सवाल…..
पिरान कलियर सीट से फुरकान अहमद दो बार के विधायक हैं। कलियर के मतदाताओं ने पिछले चुनाव में ऐसे कठिन समय में भी कांग्रेस की झोली में सीट डाली, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत भी दो-दो सीटों से चुनाव हार गए। राज्य में केवल 11 और जनपद में सिर्फ तीन सीटों में एक सीट पिरान कलियर की रही। यात्रा के दौरान दरगाह को नजरअंदाज करना कलियर विधायक फुरकान अहमद के लिए भी मुश्किल का सबब बन सकता है। कुछ नहीं तो चुनाव प्रचार के दौरान साबिर पाक के चाहने वाले मुस्लिम मतदाता इस बारे में उनसे सवाल तो जरूर पूछेंगे।
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सज्जादा परिवार का परिवर्तन यात्रा को समर्थन……
परिवर्तन यात्रा के इस्तकबाल के लिए सज्जादा परिवार ने भी साबरी झंडों के साथ कांग्रेसी नेताओं का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। इस दौरान विधायक फुरकान अहमद से सिर पर पगड़ी भी पहनाई गई। सज्जादा परिवार के सदस्यों ने परिवर्तन यात्रा का खुलकर समर्थन किया। आने वाले चुनाव के लिए यह बड़ा संदेश था, इसके बावजूद दरगाह की जियारत न करना बेहद चौंकाने वाली बात है।
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मुस्लिमों के वोट की ज़रूरत….
परिवर्तन यात्रा में मुस्लिमों की भीड़ और जिले के बड़े धार्मिक स्थल की अनदेखी पर सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या कांग्रेस की नजर में मुस्लिम मतदाताओं की हैसियत घर की “मुर्गी के बराबर है..??