
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी की ओर से भाजपा प्रत्याशी मुनीष सैनी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट से बुलावा आ रहा है।
लेकिन मुनीष सैनी घोटाला भूलकर अपने चुनाव अभियान में व्यस्त हैं। जबकि विपक्ष घोटाले को लेकर भाजपा से सवाल पर सवाल दाग रहा है।
प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति का ढोल पीटकर 5 साल तक अपनी सरकार चलाने वाली भाजपा ने पिरान कलियर सीट से छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी मुनीष सैनी को अपना प्रत्याशी बनाया है। मुनीष सैनी पेशे से कॉलेज संचालक है। उनका हरिद्वार हाईवे पर बहादराबाद में ओम बायो कॉलेज के नाम से अपना इंस्टिट्यूट है।
हरिद्वार जिले में साल 2012 से 17 के बीच समाज कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति की लूट के दौरान मुनीष सैनी के कॉलेज ने भी चलती गंगा में जमकर हाथ धोए। करोड़ों इधर से उधर करने पर जब मामला खुला तो कॉलेज के खिलाफ बहादराबाद थाने में एसआईटी ने मुकदमा दर्ज कराया। जांच में परतें खुलने पर पता चला कि मुनीष सैनी के कॉलेज में ऐसे छात्रों के नाम पर भी छात्रवृत्ति लेकर हजम कर ली, जो कभी कॉलेज के दरवाजे पर भी नहीं आए। गिरफ्तारी से बचने के लिए मुनीष सैनी को हाईकोर्ट की राह पकड़नी पड़ी और स्टे मिलने पर जान बची। जांच में पुख्ता सबूत हाथ लगने पर एसआईटी ने मुनीष के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल शुरू होने पर कोर्ट से लगातार समन जारी कर मुनीष सैनी को बुलाया जा रहा है, लेकिन वह नदारद है।
इन परिस्थितियों में भाजपा की रीति नीति को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि जिस प्रत्याशी को घोटाले के मामले में कोर्ट से बुलावा आ रहा हो क्या ऐसे प्रत्याशी के नाम पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली भाजपा चुनाव मैदान में उतरी है। वही पार्टी अगर अपनी रीति नीति पर कायम है तो विपक्ष के सवालों से बच क्यों रही है।