पंच👊नामा-ब्यूरो
विधानसभा चुनाव में करारी हार से सबक लेने के बजाय कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आस्तीन चढ़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। हार के बाद अब नेता प्रतिपक्ष व प्रदेश अध्यक्ष पद ताजपोशी को लेकर रार शुरू हो गई है। खबर है कि गढ़वाल की उपेक्षा से आहत चमोली के कई पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे हाइकमान को भेज दिए हैं। वह इस बात पर नाराज हैं कि न तो प्रदेश अध्यक्ष और न विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष में गढ़वाल को तरजीह दी गई। दूसरी तरफ, विधानसभा चुनाव में हार के लिए गुटबाजी को जिम्मेदार ठहराए जाने पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने तेवर दिखाए हैं। सोमवार को मीडिया से बातचीत में प्रीतम ने कहा कि राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी ने स्थानीय नेताओं पर गुटबाजी का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले की तत्काल जांच होनी चाहिए कि आखिर गुटबाजी किसने की।
यदि मुझ पर गुटबाजी करने की बात साबित होती है तो मैं तत्काल अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दूंगा। यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास में मीडिया से बातचीत के दौरान प्रीतम गुटबाजी के आरोपों से बेहद नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि मुझ पर शीर्ष नेताओं का आरोप सरासर गलत है। हाईकमान इस मामले की जांच करे। मुझे बताया जाए कि पिछले पांच साल में मैंने कब गुटबाजी को बढ़ाने वाला बयान दिया या कोई ऐसा कार्य किया? प्रीतम ने कहा कि जब तक इस मामले की जांच नहीं होती और कार्रवाई नहीं होगी, तब वो पार्टी में कोई पद नहीं लेंगे।