योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश या पुलिस की लापरवाही?—300 पुलिसकर्मियों की कार्रवाई पर उठे सवाल..
पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून। उधम सिंह नगर पुलिस की हालिया कार्रवाई को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सुराज सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड को पत्र लिखकर इस पूरी कार्रवाई की निष्पक्ष जांच की मांग की है। एडीजी को सौंपे गए पत्र में आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी सर्च वारंट और अनुमति के 300 पुलिसकर्मियों को बरेली भेजा, जिससे कानून-व्यवस्था को गंभीर खतरा पैदा हो सकता था।
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बिना वारंट बरेली भेजी गई पुलिस—क्या था मकसद…?रमेश जोशी के अनुसार, उधम सिंह नगर पुलिस ने रमजान के दौरान मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जाकर 16 लोगों को हिरासत में लिया, फिर उन्हें छोड़ दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि इस ऑपरेशन का असली मकसद क्या था? जोशी का आरोप है कि इस पूरी कार्रवाई का मकसद सिर्फ वीडियो बनाकर यूट्यूब पर डालना और राजनीतिक लाभ लेना था। उन्होंने यह भी पूछा कि इतनी बड़ी संख्या में पुलिस बल को भेजने का खर्च कहां से आया? क्या इसमें माफिया या अपराधियों से मिली रकम का इस्तेमाल किया गया?
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बरेली में पुलिस भेजने से पैदा हो सकता था बड़ा विवाद…..पत्र में कहा गया कि उत्तराखंड पुलिस की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच तनाव भड़का सकती थी। अगर कोई अप्रिय घटना घट जाती, तो दोनों प्रदेशों में हालात मणिपुर और असम जैसे हो सकते थे। जोशी ने उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में उधम सिंह नगर में जब उत्तर प्रदेश पुलिस बिना सूचना के कार्रवाई करने आई थी, तो एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिससे बड़ा बवाल खड़ा हो गया था।
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ट्रांसफर के बाद निरस्त हो रही लिस्ट—प्रशासन पर भी सवाल….पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि कुछ पुलिस अधिकारी अपने तबादले रुकवाने के लिए प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। हरिद्वार के चर्चित छड़ी कांड का हवाला देते हुए कहा गया कि एक इंस्पेक्टर ने झूठे 302 के केस में निर्दोषों को फंसा दिया, जबकि असली अपराधी अब भी आज़ाद घूम रहे हैं। ऐसे इंस्पेक्टरों की रवानगी क्यों नहीं हो रही है।
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मुख्यमंत्री और डीजीपी से निष्पक्ष जांच की मांग…..रमेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डीजीपी उत्तराखंड से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो सुराज सेवा दल प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।