हरिद्वार

हरिद्वार के बड़े संत की हत्या की साजिश का पर्दाफाश, मचा हड़कंप, बढ़ाई गई सुरक्षा..

खीर में जहर मिलाने की थी प्लानिंग, आश्रम की रैकी भी कर चुका था आरोपी, (पूरी कहानी साध्वी त्रिकाल भवंता की ज़ुबानी)..

इस खबर को सुनिए

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जन्मोत्सव समारोह से चंद रोज पहले निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की हत्या की साजिश का पर्दाफाश हुआ है।

फोटो: साध्वी त्रिकाल भवंता

दरअसल उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित नैनी में साध्वी त्रिकाल भगवंता के आश्रम से एक संदिग्ध युवक पकड़ा गया है। युवक ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की हत्या के लिए खीर में जहर मिलाने की प्लानिंग की थी।

फाइल फोटो

इसके लिए बीते 29 नवंबर को वह आश्रम की रैकी भी कर चुका था। इस खबर से हरिद्वार के संत जगत में हड़कंप मच गया। स्वामी कैलाशानंद गिरी की सुरक्षा अचानक बढ़ा दी गई है। वही स्वामी कैलाशानंद गिरी का कहना है कि एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उन्हें और उनके करीबियों को मारने की साजिश की जा रही है।

फाइल फोटो: स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज

उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि इसके पीछे बड़े लोगों का हाथ है। पूरे मामले की जांच पड़ताल कराते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।

फोटो: साध्वी त्रिकाल भवंता

उन्होंने बताया कि साध्वी त्रिकाल भवंता ने उन्हें खुद इस बारे में जानकारी देते हुए आगाह किया है।
—————————————
आखिर कौन है बड़े लोग……
स्वामी कैलाशानंद गिरी की हत्या की साजिश का पर्दाफाश होने से संत जगत में हलचल है और कई बड़े संत सकते में हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने जिस तरह से किसी का नाम लिए बगैर इशारा किया है कि उनकी हत्या की साजिश में बड़े लोग शामिल हैं।

फाइल फोटो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ स्वामी कैलाशानंद गिरी..

ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि बड़े लोग आखिर कौन हैं। सवाल यह भी है कि इसके पीछे उनका मकसद क्या है। गौरतलब है कि निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर होने के साथ ही स्वामी कैलाशानंद गिरी का जुड़ाव श्री दक्षिण काली मंदिर की मार्फ़त देश के तमाम बड़े नेताओं से रहा है।

फाइल फोटो: सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ स्वामी कैलाशानंद गिरी

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के बाद उन्हें शंकराचार्य पद का प्रबल दावेदार माना जाता रहा है और अंदरूनी तौर पर उनके नाम पर कई बड़े संत सहमति जता चुके हैं। हालांकि, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य घोषित किया जा चुका है।

फाइल फोटो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ स्वामी कैलाशानंद गिरी

बावजूद इसके विवाद बना हुआ है और संतों का एक बड़ा धड़ा स्वामी कैलाशानंद गिरी को शंकराचार्य बनाने के पक्ष में है। इस बीच उनकी हत्या की साजिश का पर्दाफाश होने से कई सवाल तैरने लगे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!