अपराधउत्तराखंड

खुद को बचाने के लिए साजिश रचकर “जज को करा दिया सस्पेंड, अब महिला गिरफ्तार..

दिल्ली के एक आईएएस अधिकारी और उसकी पत्नी साजिश के मास्टरमाइंड..

इस खबर को सुनिए

पंच👊नामा डेस्क
खुद को बचाने के लिए किसी पुलिसकर्मी या अन्य सरकारी कर्मचारी पर झूठे आरोप लगाने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। लेकिन जमीन की धोखाधड़ी में अपने गले से कानूनी फंदा निकालने के लिए दिल्ली के एक आईएएस अधिकारी और उसकी पत्नी ने उत्तराखंड के एक जज के खिलाफ ही साजिश रच डाली। साजिश में वह कामयाब भी हुए और जज को सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट की विजिलेंस टीम ने पूरे मामले की जांच की तो असली खेल सामने आ गया। विजिलेंस ने अब आईएएस अधिकारी व उसकी पत्नी के साथ साजिश में शामिल एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि आईएएस अधिकारी व उसकी पत्नी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट से स्टे लिया है।
—————————————
यह था पूरा मामला……..
दिल्ली निवासी आईएएस अधिकारी की पत्नी आशा यादव और चंद्रमोहन सेठी के खिलाफ 2011 में फर्जी दस्तावेजों से जमीन खरीदने के आरोप में अल्मोड़ा कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। साल 2013 से ये मामला अल्मोड़ा की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में चल रहा था। उसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया था। साल 2020 में स्टे खारिज होने के बाद इस मामले में अल्मोड़ा की सिविल जज की कोर्ट में सुनवाई होने लगी थी। उस दौरान सिविल जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने चंद्रमोहन सेठी और आशा यादव को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया था। रिपोर्ट लगकर आई कि चंद्रमोहन सेठी कनाडा चला गया है। इस पर सिविज जज ने चंद्रमोहन की फाइल अलगकर आशा यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।
————————————————–
ऐसे रची गई जज के खिलाफ साजिश…..
गैर जमानती वारंट जारी होने पर आशा यादव के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई। तब आशा यादव ने अपने पति दिल्ली सचिवालय में ज्वाइंट सेकेट्री के पद पर तैनात एवी प्रेमनाथ और रिश्तेदार कुसुम यादव पत्नी पारस राम यादव निवासी 378 गली नंबर 25 मेन मार्केट संतनगर, बुराड़ी, उत्तरी दिल्ली के साथ मिलकर जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ षडयंत्र रचा। जिसके तहत कुसुम की तरफ से रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से हाईकोर्ट में एक शिकायती पत्र भिजवाया गया। जिसमें कुसुम ने आरोप लगाया कि जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव ने दिल्ली में परिवार समेत आरोपी चंद्रमोहन सेठी की गाड़ियां प्रयोग की हैं। इसी के चलते जज ने चंद्रमोहन की फाइल अलग कर दी है। ये भी आरोप लगाया कि चंद्रमोहन सेठी कनाडा गया ही नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने सिविल जज अभिषेक कुमार को पिछले साल फरवरी में सस्पेंड कर दिया था।
——————————————–
विजिलेंस की जांच में दूध का दूध पानी का…..…
इस मामले की जांच हाईकोर्ट विजिलेंस कर रही थी। जांच में पाया गया कि आशा यादव, एवी प्रेमनाथ और कुसुम ने सिविल जज के खिलाफ झूठी शिकायत और षडयंत्र रचा था। प्रेमनाथ ने फर्जी ईमेल आईडी बनाकर न्यायिक अधिकारियों को मेल भेज सिविल जज पर अनर्गल आरोप भी लगाए। विजिलेंस हल्द्वानी ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद विजिलेंस टीम इस मामले में साक्ष्य संकलन में जुटी हुई थी। विजिलेंस ने सीजेएम कोर्ट से तीनों आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया था। इस पर आशा यादव और एबी प्रेमनाथ ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी से स्टे हासिल कर लिया था। इधर, बुधवार को कुसुम हल्द्वानी में निजी कार्य के लिए आई हुई थी। जानकारी मिलते ही विजिलेंस टीम ने कुसुम को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर बुलाया, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार को विजिलेंस इंस्पेक्टर मनोहर सिंह दसौनी ने आरोपी महिला को अल्मोड़ा कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Translate »
error: Content is protected !!