पंच👊नामा
दिनेश वर्मा एडवोकेट- हरिद्वार: प्रेम संबंधों के चलते हत्या कर साक्ष्य मिटाने के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने हत्यारोपी पुत्री व उसके प्रेमी राम किशोर को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास व 65 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चौहान ने बताया कि 26/27 फरवरी 2018 की रात को गांव जियापोता निवासी प्रमोद की पथरी थाना क्षेत्र स्थित खेत में बनी झोपड़ी में हत्या कर दी गई थी। डॉक्टर ने प्रमोद की मौत कारण उसके सिर में आई चोटों से होना बताया था। मृतक के छोटे भाई पवन ने घटना के संबंध पथरी थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के दौरान आरोपी रामकिशोर के कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि उसकी लगातार बात मृतक की पुत्री वंदना से हो रही थी और घटना वाली रात भी दोनों के मध्य बातचीत हुई थी। पुलिस को जांच के दौरान यह भी पता चला था कि आरोपी वंदना व रामकिशोर आपस में शादी करना चाहते थे जिसका विरोध मृतक प्रमोद कुमार करता था। इसी बात को लेकर दोनों ने आपस में षड्यंत्र रचा और मौका पाकर रामकिशोर ने प्रमोद कुमार की सिर पर चोटें पहुंचा कर हत्या कर दी थी। जिसके आधार पर पुलिस ने मृतक की पुत्री वंदना उर्फ लाड़ो व उसके प्रेमी राम किशोर पुत्र रतिराम निवासी ग्राम फतवा कोतवाली लक्सर को षड्यंत्र रचकर हत्या व साक्ष्य मिटाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था। वादी पक्ष ने 14 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्त राम किशोर को धारा 302 आइपीसी में आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए, धारा 120 बी आइपीसी में आजीवन कारावास व 20 हजार और धारा 201 आईपीसी के तहत तीन वर्ष व पांच हजार रुपये जुर्माने की तथा अभियुक्त वंदना को आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।