
पंच👊नामा
सुल्तान, हरिद्वार: एक तरफ पुलिस घर बैठे आनलाइन एफआईआर का दावा करते नहीं थक रही है, दूसरी तरफ मुकदमा लिखने के बजाय घटनाओं को दबाने और छिपाने में ताकत लगाई जा रही है।

रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में चेन लूट की कई घटनाएं बीते 2 सप्ताह में सामने आ चुकी हैं, लेकिन पुलिस तहरीर मिलने के बावजूद मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं है। चेन लुटेरों को पकड़ने के बजाय पीड़ितों को ही टहलाया जा रहा है। पुलिस की इस “होशियारी से आला अधिकारियों के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।

हरिद्वार जिले की पुलिस में पिछले कुछ समय से “पहले पकड़ो, फिर दर्ज करो” का ट्रेंड चल रहा है। खासतौर पर लूट व चोरी-झपटमारी की घटना होने पर एसओ इंस्पेक्टर मुकदमा दर्ज करने से बचते हैं। कुछ थाना कोतवाली प्रभारी पहले आरोपी को पकड़ते हैं, फिर मुकदमा दर्ज कर उसे गुडवर्क में गिनाते हैं।

एसओजी भी उनकी मददगार बनती है। लेकिन कई थाना कोतवालियों में फरियादी एफआईआर के लिए चक्कर काटने के बाद थककर घर ही बैठ जाते हैं। हाल के दिनों में रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में चेन लूट की घटनाओं पर पुलिस ने ऐसे ही पर्दा डालने का काम किया है। न्यू धीरवाली ज्वालापुर निवासी रवि आनंद बीते 14 सितंबर को इंडियन ओवरसीज बैंक की शिवालिकनगर शाखा में कार्यरत अपनी माता को स्कूटी पर लेकर घर लौट रहे थे, फाउंड्री गेट से धीरवाली जाने वाले मार्ग पर दो युवक रवि के गले से सोने की चेन झपटकर फरार हो गए। पुलिस को तहरीर दिए हुए पूरा एक सप्ताह बीत चुका है।

लेकिन मुकदमा दर्ज कर लुटेरों को पकड़ना तो दूर की बात है, मजाल है कि एफआईआर दर्ज हुई हो। इसके अलावा ऐसी कई घटनाओं के पीड़ित एफआईआर के लिए चक्कर काट रहे हैं। सिटी की कई अन्य थाना कोतवालियों का भी कमोबेश यही हाल है। वहीं, इस बारे में जब एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत और एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार से बात करने का प्रयास किया गया तो कॉल रिसीव नहीं हुई। बात होते ही उनका पक्ष अपडेट कर दिया जाएगा।