हरिद्वार

मलाईदार थाने का “सुपर एसओ है सिपाही, “सिंगल विंडो सिस्टम” से चलता है काम..

सबको आंख-नाक और मुंह बंद रखने की हिदायत,, हर महीने सुपर एसओ करता है हिसाब-किताब..

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पंच👊नामा
सुल्तान: हरिद्वार:- जिले का एक थाना “निजीकरण का उत्कृष्ट उदाहरण है। एक चर्चित सिपाही इस मलाईदार थाने का “सुपर एसओ है। लिहाजा उसका काम करने का तरीका भी “सुपर है। इसलिए सिपाही ने थाने में “सिंगल विंडो सिस्टम” लागू कराया हुआ है। जिसकी कमान खुद धुरंधर सिपाही संभालता है। थाने का छोटे से लेकर बड़ा स्टाफ इस सिंगल विंडो सिस्टम का ईमानदारी से पालन करता है। अब आप चौंक गए होंगे कि थाने में भला “सिंगल विंडो सिस्टम का क्या मतलब है।

दरअसल इस सिस्टम के तहत सबको यह हिदायत है कि खनन की “खन-खन सुनने और देखने के बावजूद सबको अपनी “आंख-नाक और कान बंद रखने हैं। सिपाही पूरी “रॉयल्टी खुद वसूलेगा और महीने में अपने हाथ से सबको उनका हिस्सा बंटेगा। (यह अलग बात है कि कद्दू बड़ा कटता है और छोटे हिस्सों में बंटता है।) मेहनत सब करें और कद्दू काटने का हक केवल एक खास सिपाही को, यह तो ना काबिले बर्दाश्त है हुजूर। फिर अपना हिस्सा एक सिपाही से क्यों बांटा जाए।

जबकि बड़े वालों को तो हिस्सा पूरा मिलता है। तो फिर छोटे कर्मचारी पर ही सितम क्यों…?? ख़ैर इस सिंगल विंडो व्यवस्था से भले ही स्टाफ खुश ना हो, लेकिन खनन के धंधेबाजो की बल्ले-बल्ले है। उन्हें न तो रोज-रोज की चिक-चिक झेलनी है और न 70 चेहरों के दीदार करने की टेंशन। मतलब सारे तालों की एक मास्टर चाबी उनके हाथ में है। सवाल फिर ज्यों का त्यों है। अधिकारी सब कुछ जानने के बावजूद आखिरकार चुप क्यों हैं। दूसरा सवाल यह है कि अधिकारी क्यों बार-बार चर्चित सिपाही को उसकी मनमाफिक पोस्टिंग देने के लिए मजबूर हो जाते हैं। यह सवाल कई चर्चाओं के साथ ना सिर्फ पुलिस महकमे में, बल्कि सियासी हलकों में भी धीरे-धीरे तैरने शुरू हो गए हैं। विपक्षी दल कांग्रेस व आम आदमी पार्टी हरिद्वार जिले में अवैध खनन को लेकर पहले ही सरकार के खिलाफ हमलावर है। पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के आरोप भी लग रहे हैं। खनन की खन-खन में सिपाही का रसूख और कामकाज का “सिंगल विंडो सिस्टम विपक्ष के आरोपों को बल दे रहा है।
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: अगली किश्त में पढ़ें “सिपाही की एक चुटकी की कीमत 11 लाख….

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