एक तरफ अपराधी, दूसरी तरफ संगठन, बीच में फंसा पुलिस का इकबाल..
कावड़ियों से विवाद के वीडियो वायरल कर पर्दे के पीछे से कौन खेल रहा राजनीति, क्यों टूट रहा पुलिसकर्मियों का मनोबल, किसने बांधे हाथ..??

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन के चलते यूं तो पूरी उत्तराखंड पुलिस इन दिनों यात्रियों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर बड़ी चुनौती से जूझ रही है, लेकिन हरिद्वार पुलिस के लिए इन चुनौतियां के साथ-साथ रोजाना कई और मोर्चों पर खुद को साबित करने की चुनौती झेलनी पड़ रही है।

एक तरफ अपराधी हैं कि चुनाव निपटते ही दिनदहाड़े लूट, स्नैचिंग, चोरी की घटनाओं पर भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़े हैं। दूसरी तरफ, पुलिस के साथ सड़क पर होने वाली छिटपुट घटनाओं को तूल देकर बड़ा मुद्दा बनाने वाले संगठन।

इन सबके बीच पुलिस का इकबाल बुरी तरह फंसा हुआ नजर आ रहा है। आखिर ऐसी क्या वजह है कि पुलिस अधिकारियों के नरमी और बड़प्पन दिखाने पर निपट चुके विवाद के कई दिन बाद उसके वीडियो अपनी जीत और पुलिस की शिकस्त के तौर पर वायरल किए जा रहे हैं।

आखिर वह कौन लोग हैं जो पर्दे के पीछे से पूरी राजनीति खेल रहे हैं। इन वीडियो से कुछ संगठनों के कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम को छू रहा है। मगर दूसरी तरफ पुलिसकर्मियों का मनोबल टूट रहा है। विवाद को खत्म करने के लिए यदि पुलिस दो कदम पीछे हट गई तो गुनाह क्या है..??

क्या राजनीति इस कदर हावी हो गई है कि पुलिस के इकबाल का खुलेआम चीरहरण होने के बावजूद जिम्मेदारों को मुंह सिलना पड़ रहा है। अपनी गलती होने पर बैकफुट पर आना ठीक है, लेकिन इसके बाद कोई खाकी के इकबाल को कुचलने का प्रयास करें तो उसे पर कार्रवाई से हाथ किसने बांधे हुए हैं..?
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पुलिसकर्मियों के मन में कई सवाल……

इस पूरे मामले और हर दिन वायरल किए जा रहे नए-नए वीडियो को लेकर पुलिसकर्मियों में कई तरह की सुगबुगाहट बनी हुई है। उनके मन में सवाल उठ रहे हैं कि अगले महीने शुरू होने जा रहे कांवड़ मेले में पुलिस का स्टैंड क्या होगा।

अगर ड्यूटी के दौरान दिशा-निर्देशों का पालन कराना है तो इसके बदले में अमूमन होने वाले विवाद के समय पुलिसकर्मियों का बचाव आखिर कौन करेगा। या फिर सब कुछ भगवान के भरोसे छोड़ दिया जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो ऐसा कुछ होगा, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।