
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: सरकारी प्रेस नोट और नेताओं की विज्ञप्ति को कट-कॉपी-पेस्ट किया और बन गए कथित पत्रकार। इसके बाद लिखना ना पढ़ना, केवल वसूली करना। लक्सर-पथरी क्षेत्र में वसूली से आतंक मचाने वाले फर्जी और कथित पत्रकारों के गैंग की बस यही कहानी है।

गौकशी के आरोपी को छुड़ाने के नाम पर पहले 10 हजार की वसूली और फिर “पंच👊नामा… पर पोल खुलने से फर्जी पत्रकारों का पूरा गैंग बिलबिला गया। इसके बाद शुरू हुआ तहरीर का ढोंग रचाकर एक ही खबर से बलात्कार करने का काम। वैसे तो गैंग में अधिकांश अंगूठा छाप शामिल है।

गलती से किसी कम पढ़े लिखे सदस्य ने एक फर्जी खबर लिख डाली। इसके बाद सभी सदस्यों ने अपने अंगूठा छाप आका के कहने पर इसी “कुपोषित” खबर को “कट-कॉपी-पेस्ट करते हुए बारी-बारी से उसका बलात्कार किया।

हैरानी की बात यह है कि पथरी थाने में सैकड़ों पत्रकार पहुंचने का फर्जी दावा गैंगरेप का शिकार हुई इस कुपोषित खबर में किया गया है। लेकिन एक भी फर्जी पत्रकार का फोटो कहीं नजर नहीं आ रहा है। इससे न सिर्फ दावे की सच्चाई पता चलती है, बल्कि गैंग कितना बड़ा फ़र्ज़ी है, इसकी पुष्टि भी हो जाती है।

सवाल यह है कि जब लिखना पढ़ना ही नहीं आता है, केवल कॉपी-पेस्ट ही करना है, तो पत्रकार कहलाने का शौक क्यों पाला हुआ है। क्यों नहीं अपना पुराना धंधा अपना लेते।“पंच👊नामा… ना तो ऐसी फर्जी खबरों से विचलित होता है और ना ही ऐसे गैंग की उछल कूद से परेशान होता है। बल्कि वसूली को धंधा बना कर पत्रकारिता को कलंकित करने वाले फर्जी पत्रकारों की हरकतों पर पैनी निगाह बनाए हुए हैं और पूरे एंजॉय के साथ अपनी मुहिम को जारी रखे हुए हैं।
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“जागरूक हुए लोग, कभी भी पड़ सकते हैं जूते…….
गौकशी के आरोपी को छुड़ाने की पोल खुलने पर देहात क्षेत्र में लोग फर्जी गैंग से सतर्क हो गए हैं। खास तौर पर फर्जी गैंग के पसंदीदा क्षेत्र यानि खनन, सरकारी निर्माण, राशन डीलर, कंस्ट्रक्शन, प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े लोग आस्तीन चढ़ाए बैठे हैं।

खुद को अध्यक्ष कहलाने वाले सरगना या गैंग का कोई भी सदस्य वसूली करने पहुंचता है तो जूतों से उसका स्वागत होना तय है। चूंकि एसएसपी के निर्देश पर पुलिस भी तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार है। गैंग भी इससे वाकिफ है।

इसलिए पिछले तीन-चार दिन से आक़ा और गैंग का कोई भी सदस्य वसूली के लिए फील्ड में नहीं निकला है। “पंच👊नामा… को खुशी है कि कम से कम मुहिम से आमजन में ये जागरूकता आई है। इससे न सिर्फ आमजन वसूली से बचेंगे, बल्कि पत्रकारिता की गरिमा को भी तार-तार होने से बचाया जा सकेगा।