हरिद्वार के छोटे से गांव की बेटी बनी आईएएस, मां-बाप को दिया क्रेडिट….
: यूपीएससी परीक्षा में 23 वी रैंक हासिल कर किया दमदार प्रदर्शन..
पंच 👊 नामा
प्रवेज़ आलम:- रूड़की: ‘मिसाइल मैन के नाम से मशहूर महान वैज्ञानिक व पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि “सपने वह नहीं जो हम नींद में देखते हैं, बल्कि सपने वह हैं जो हमें रात को सोने ना दे। यह बात हरिद्वार के भगवानपुर तहसील के एक छोटे से गांव मोहितपुर की बेटी सदफ चौधरी ने सच साबित कर दिखाया। सदफ चौधरी ने कड़ी मेहनत और अपने जुनून से यूपीएससी परीक्षा में 23वीं रैंक हासिल की है। वह अब सदफ चौधरी से आईएएस सदफ चौधरी बन गई हैं। उनकी इस बड़ी कामयाबी से परिवार, गांव और करीबियों में जश्न का माहौल है।
मोहितपुर गांव निवासी मोहम्मद इसरार “ग्रामीण बैंक, नागल शाखा, देवबंद में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उनका परिवार रुड़की ग्रीन पार्क कॉलोनी में रहता है। मोहम्मद इसरार की बेटी के सदफ़ चौधरी ने अपने घर पर ही पढ़ाई कर 2 साल की कड़ी महेनत के बाद भारत की सर्वोच्च परीक्षा आईएएस का एग्जाम पास किया है। सदफ चौधरी को मुबारकबाद देने वालो का तांता लगा हुआ है। सदफ ने आईएएस बनकर अपने परिवार व गांव मोहितपुर ही नहीं रुड़की और हरिद्वार का नाम भी रोशन किया है। इस कामयाबी पर हर कोई सदफ चौधरी को शाबासी देने उनके घर पहुंच रहा है। रुड़की में सदफ अपने पिता मोहम्मद इसरार, माता शाहबाज बानो, बहन सायमा व भाई मोहम्मद शाद के साथ रहती हैं। पंच 👊 नामा प्रतिनिधि से एक ख़ास बातचीत में सदफ चौधरी बताया कि ये मुकाम उनको माता-पिता के आशीर्वाद से मिला है। सदफ इस कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता को देती है। सदफ ने बताया कि ये उन्होंने एनआईसी जालंधर से बीटेक करने के बाद घर पर ही कड़ी मेहनत यूपीएससी की तैयारी की।
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मुस्लिम लड़कियों के लिए रोल मॉडल बनी सदफ़..
रुड़की: सदफ चौधरी ऐसे मुस्लिम समाज से आती है जहां लड़कियों की तालीम को लेकर अभी भी इतनी जागरुकता नहीं है। हालांकि कुछ साल पहले की तुलना में मौजूदा हालत बहुत बेहतर है। पिछले कुछ सालों में हरिद्वार की कई मुस्लिम लड़कियों ने जज बनकर खुद को साबित किया है। लगातार सफलता मिलने से कई और लड़कियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल रही है। सदफ चौधरी भी ऐसी ही कामयाबी हासिल कर मुस्लिम लड़कियों के लिए रोल मॉडल बन गई हैं। सदफ चौधरी हरिद्वार जिले ही नहीं बल्कि उत्तराखंड की पहली मुस्लिम महिला आईएएस बनी है।