हरिद्वार

जमीयत उलेमा ने की अपील, मदरसों और कार्यालयों में फहराएं तिरंगा..

आज़ादी की लड़ाई में "हिन्दू-मुस्लिम ने मिलकर दी कुर्बानियां: जमीयत..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जमियत उलेमा-ए-हिन्द उत्तराखण्ड की ओर से तमाम अरबाब-ए-मदारिस और दीनी संगठनो के ज़िम्मेदारो से अपील की गई है कि देश की आज़ादी के 75 वे स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर अपने मदरसों और कार्यालयों पर स्वतन्त्रता दिवस के कार्यक्रम को जोशोखरोश व उल्लास के साथ मनाऐं, और नियम अनुसार तिरंगा लहराए, साथ ही देश की आज़ादी के लिए अपनी जान व माल (तन-मन-धन) से कुर्बानी देने वाले मुजाहिदीन के इतिहास को छात्रो के सामने पेश करें।
सूबाई सदर मौलाना हुसैन अहमद ने बताया कि इतिहास इस बात का गवाह है कि इस देश की आजादी में देश के सभी हिन्दु, मुस्लिम और सिखों ने कधे से कंधा मिलाकर बलिदान दिया है। इस लिए किसी एक राष्ट्र और एक समुदाय के बलिदान को अनदेखा करना यह इतिहास के साथ नाइंसाफी है। उन्होंने कहा हम मुसलमानों को भी चाहिए कि अपने इतिहास की रक्षा करें, और नई पीढी (नसलो) को आजादी के इतिहास से अवगत कराएं। सेकेट्री मौलाना शराफत अली कासमी ने कहा इस साल सरकार की तरफ़ से 75 वे स्वतन्त्रता दिवस को खास तौर पर मनाया जारहा है। इस लिए सभी मदरससों और राष्ट्री संगठनो के नेताओं को चहिए कि अपने आप को मुख्य धारा से अलग न दिखें। बल्कि अपने मदरसों और कार्यालयों पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान से अपने प्रोग्रामों को ज़्यादा से ज्यादा प्रभावशाली बनाऐं, और मसलिहत के खिलाफ न हो तो अपने प्रोग्रामों में अरबाब-ए-इक्तिदार की भागीदारी सम्भव करें।

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