भगदड़ की सीबीआई जांच की मांग, मजिस्ट्रेट जांच पर जताया अविश्वास, दो लाख मुआवजे को बताया मजाक..
सुराज सेवादल ने जिलाधिकारी पर लगाया मुख्यमंत्री को मृतकों का गलत आंकड़ा बताने का आरोप, गृहमंत्री अमित शाह को भेजा ज्ञापन..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मनसा देवी मंदिर हादसे को लेकर सुराज सेवादल ने देहरादून में धरना प्रदर्शन करते हुए मजिस्ट्रेट जांच पर सवाल उठाए और पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई। साथ ही मुआवजा राशि को भी काम बताते हुए गृहमंत्री अमित शाह से मृतक आश्रितों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की गई।संगठन अध्यक्ष रमेश जोशी ने कहा कि इस हादसे में मुख्यमंत्री से भी मृतकों की संख्या छुपाई गई घटना के दिन 8 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। जबकि जिला अधिकारी ने मुख्यमंत्री को केवल 6 लोगों के मरने की जानकारी दी ऐसे में न्यायिक जांच पर भरोसा कैसे किया जा सकता है।
उन्होंने मृतक आश्रितों और घायलों को मिलने वाली मुआवजा राशि पर सवाल उठाए और कहा कि सरकार ने सिर्फ ₹2 लाख मुआवजा घोषित कर मृतकों के परिजनों की पीड़ा का मजाक उड़ाया है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि मुआवजा राशि बढ़ाकर ₹20 लाख की जाए। “एक परिवार का कमाऊ सदस्य चला गया, अब सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए,” उन्होंने कहा।
‘उत्तराखंड में फैल रहा भ्रष्टाचार और अपराध’…. जोशी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार और माफियाराज तेजी से फैल रहा है। नशा, अतिक्रमण और लचर तंत्र ने आमजन का जीना मुश्किल कर दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस दिशा में ठोस कार्रवाई करेगी और उत्तराखंड को अपराधमुक्त बनाने के लिए कदम उठाएगी।
‘श्रद्धालु भगवान भरोसे, प्रशासन बेफिक्र’… हादसे ने मंदिरों की व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल लाखों श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर पहुंचते हैं, लेकिन न तो उचित सुरक्षा प्रबंध होते हैं और न ही भीड़ नियंत्रण के इंतजाम। इस बार भी हादसे से पहले किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई थी। अव्यवस्था, अफवाह और अतिक्रमण ने मिलकर एक बड़ी त्रासदी को जन्म दे दिया।
‘अब नहीं चाहिए दिखावटी जांच’…परिजनों और स्थानीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में सीबीआई जांच नहीं कराई गई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि केवल आदेश जारी करने और बयानबाजी से न्याय नहीं मिलेगा, अब दोषियों को सजा और पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए।