हरिद्वार

मांग: कलियर में बंद पड़ी गंगनहर में महकाएं फूलों की खुशबू..

अधिवक्ता ने डीएम को नोटिस भेज लोकल जनप्रतिनिधियों को दिखाया "आईना..

पंच👊नामा
पिरान कलियर: सालों से बंद होने के कारण पिरान कलियर की खूबसूरती में बदनुमा दाग बन चुकी पुरानी गंगनहर की बदहाली भले ही लोकल जनप्रतिनिधियों को नजर न आती हो, पर इसको लेकर हरिद्वार के अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने जिलाधिकारी को लीगल नोटिस भेजा है। दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने पांच साल पहले राज्य मानवाधिकार आयोग देहरादून में विश्व प्रसिद्ध दरगाह पिरान कलियर की व्यवस्थाओं को लेकर एक याचिका दायर की थी। जिसमे राज्य मानवाधिकार आयोग ने कलियर नगरपंचायत, हरिद्वार जिलाधिकारी व मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार से रिपोर्ट मांगी गई थी। इस दौरान नगर पंचायत ने दावा किया था कि उन्होंने काफी प्रयास किया है, लेकिन लोग गंदगी करने से बाज नही आ रहे है। जिसके बाद दिसम्बर 2017 में राज्य मानवाधिकार आयोग ने जिलाधिकारी हरिद्वार के नाम तीनों को आदेश देते हुए कहा था कि आप स्वास्थ्य विभाग की मदद से शिकायतकर्ता की मांग के अनुसार स्वच्छता की ओर ध्यान दे, पुरानी बंद पड़ी गंगनहर में पानी इकठ्ठा ना होने दे और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए गंगनहर में खुशबू के फूल लगाए जाए। जिसका आज तक कोई पालन नही किया गया, जिसपर शिकायतकर्ता अधिवक्ता ने जिलाधिकारी हरिद्वार को लीगल नोटिस भेजा है, और राज्य मानवाधिकार आयोग के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने की मांग की है। ऐसा ना करने पर अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय की शरण मे जाने की चेतावनी भी दी है।

अधिवक्ता: अरुण भदौरिया

जानकारी के अनुसार हरिद्वार के अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने जिलाधिकारी हरिद्वार को लीगल नोटिस भेजा है। आयोग के आदेश का हवाला देते हुए अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने जिलाधिकारी को लीगल नोटिस भेजकर ये तमाम कार्य कराए जाने की मांग की है, साथ ही ऐसा ना होने पर उच्च न्यायालय के शरण मे जाने की चेतावनी भी दी है। अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने बताया पिरान कलियर विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जहां देश विदेश से श्रद्धालु आते है। क्षेत्र में साफ सफाई और पुरानी गंगनहर में गदगी होने के चलते श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है और तीर्थ स्थल की साख को भट्टा लग रहा है। जनहित में उनके द्वारा ये मांग की गई थी, जो स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आइना दिखाने का काम भी कर रही है।

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