हरिद्वार

हर शाख पे उल्लू…. फर्जी खादिम कलियर की रूहानियत पर बट्टा..

आस्था के नाम पर लूट, नतमस्तक प्रबंधन तंत्र..

प्रवेज़ आलम!
पंच👊नामा-पिरान कलियर: ”’लूट मची है चारो ओर सारे चोर… मशहूर शायर राहत इंदौरी की ये लाइनें आस्था की नगरी पिरान कलियर में सटीक बैठती है। यहां मौजूद विश्व प्रसिद्ध दरगाह पर आस्थावान लोग बड़ी अक़ीदत से हाजिरी पेश करने के लिए आते है लेकिन कलियर में दाखिल होते ही कथित खादिमो का शिकार बन जाते है। पिरान कलियर की सीमा से शुरू हुआ फर्जी खादिमों का नेटवर्क दरगाह परिसर तक इम्पोर्टेड महमानों का पीछा नही छोड़ता हैं। फिर शुरू होता है लूट का खेल, नजराना, चिरागी, लंगर, नियाज़, ग़ुस्ल के पानी से लेकर चिरागी के तेल तक जेबें ढीली कराई जाती है। दिलचस्प बात ये है कि इन फर्जी खादिमो की कारगुजारी से वाकिफ दरगाह प्रबंधन इनके सामने नतमस्तक नजर आता है। आलम ये है कि दरगाह शरीफ के चारो ओर फर्जी खादिमों का जमावड़ा खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाता है और व्यवस्थाओं का जिम्मा रखने वाला प्रबंधन तंत्र तमाशबीन बनकर ना सिर्फ उनको रोकने का प्रयास करता है बल्कि अंदरूनी तौर पर सहयोग भी करता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस थाना, उपजिलाधिकारी या वक्फबोर्ड अधिकारियों से शिकायत के बावजूद भी ये फर्जी खादिम टस से मस नही होते। दरगाह परिसर में बनी सिदिरिया भी इन फर्जी खादिमो के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बनी हुई है। फर्जी खादिमो का नेटवर्क इम्पोर्टेड मेहमानों को सिदिरियो तक पहुँचाता है और खादिमो की वेशभूषा-धारक कथित खादिम इन मेहमानों का जमकर शोषण करते है। ऐसा नही है कि इस मामले से प्रबंधन तंत्र बेखबर है जबकि इनके ऊंचे रसूक के चलते आंखों पर पट्टी बांधे हुए अंजान बनने का ढोंग रचता है। इस गोरखधंधे में दरगाह शरीफ की छवि तो धूमिल करने में भी कोई कोर कसर नही छोड़ी जा रही है।

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