जेल के भीतर कैदी ने बनाई डा. आंबेडकर की प्रतिमा, पत्नी के कत्ल में हुई है सजा..
आंबेडकर जयंती पर किया गया प्रतिमा का अनावरण..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: अपनी पत्नी के कत्ल में उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी ने जिला कारागार रोशनाबाद के भीतर संविदान निर्माता डा. भीमराव आंबेडकर की शानदार प्रतिमा तैयार की है। गुरुवार को आंबेडकर जयंती पर कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने प्रतिमा का अनावरण किया।
बिहार मूल का विनोद साहनी डेढ़ साल से जिला कारागार में बंद है। उसे पत्नी की हत्या में दोष सिद्ध ठहराने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जेल में आने से पहले विनोद बिल्डिंग बनाने का ठेका लेता था। जबकि उसके भाई प्रतिमा बनाने का काम करते थे। वह अपने भाइयों का काम देखता रहता था। कुछ दिन पहले विनोद साहनी के मन में भी प्रतिमा बनाने की इच्छा जाग्रत हुई। उसने कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य से जेल को सुंदर बनाने के लिए महापुरुषों की प्रतिमाएं बनाने की इच्छा जताई। वरिष्ठ अधीक्षक ने कैदी की भावना और इच्छा का सम्मान करते हुए प्रतिमा बनाने के लिए सामान उपलब्ध कराया। कैदी ने बीते दिसंबर माह में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा बनाई। अब विनोद साहनी ने डा. आंबेडकर की प्रतिमा को मूर्त रूप दिया है। प्रतिमा बनाने के पीछे विनोद साहनी का मकसद है कि जेल में बंद कैदी व बंदी महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लें और गलतियों का प्रायश्चित कर अच्छे मार्ग पर चलें। गुरुवार को आंबेडकर जयंती के अवसर पर प्रतिमा का अनावरण करते हुए वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य ने कैदी विनोद साहनी का उत्साहवर्द्धन किया और डा. आंबेडकर की जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनसे प्रेरणा लेने की सीख कैदियों व बंदियों की दी।