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“लूट का ड्रामा, पुलिस का एक्शन! सैलरी विवाद को बनाया सनसनीखेज, CCTV फुटेज ने खोली पोल..

पुलिस जांच में झूठी निकली "लूट" की कहानी, दूध का दूध और पानी का पानी..

पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: डालनवाला क्षेत्र में दिनदहाड़े घर में घुसकर लूट की सनसनीखेज वारदात की खबर से शहर में हड़कंप मच गया। वादी सौरभ कुमार ने पुलिस को सूचना दी कि हेलमेट पहने दो अज्ञात बदमाशों ने उसके घर में घुसकर सोने की चेन लूट ली और फरार हो गए। इस खबर को मीडिया में भी तेजी से फैलाया गया, लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो पूरी कहानी ही फर्जी निकली।देहरादून पुलिस की तत्परता और आधुनिक जांच तकनीकों के चलते यह साफ हो गया कि यह कोई लूट नहीं, बल्कि मामूली सैलरी विवाद था, जिसे सौरभ ने तूल देकर लूट का रंग दे दिया था। पुलिस ने जब घटना की गहराई से जांच की और सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तो सच्चाई सामने आ गई।
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झूठी लूट का पर्दाफाश…..दरअसल सौरभ कुमार, जो मूल रूप से सहारनपुर का रहने वाला है और वर्तमान में डालनवाला, देहरादून में रहता है, ने पुलिस को सूचना दी कि दो अज्ञात बदमाश उसके घर में घुसे और उसकी सोने की चेन छीनकर भाग गए। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान अजय सिंह के निर्देश पर पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

फाइल फोटो: अजय सिंह (एसएसपी देहरादून)

डालनवाला प्रभारी निरीक्षक मनोज मैनवाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया और सीसीटीवी फुटेज की जांच की, तो तस्वीर कुछ और ही निकली। पुलिस को फुटेज में दिखा कि संदिग्ध व्यक्ति खुद वादी के परिचित थे और वारदात के बाद आराम से बाइक पर बैठकर निकल गए थे।जब पुलिस ने बाइक का नंबर ट्रेस किया, तो वह सहारनपुर के फतेहपुर जट गांव के शुभम कुमार और विशाल के नाम पर निकली। पुलिस ने इन दोनों को हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की, तो पूरी साजिश सामने आ गई।
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असल कहानी: सैलरी विवाद बना कथित ‘लूट’ की वजह….पूछताछ में पता चला कि सौरभ कुमार की डेयरी में काम करने वाला अमनदीप नामक युवक अपनी सैलरी को लेकर परेशान था। अमनदीप का आरोप था कि सौरभ उसे समय पर वेतन नहीं देता और उससे बदसलूकी करता था। परेशान होकर उसने अपने गांव से अपने दो रिश्तेदारों, शुभम और विशाल, को बुलाया, ताकि वे सौरभ पर दबाव बना सकें। 4 फरवरी को शुभम और विशाल देहरादून पहुंचे और सौरभ से बातचीत के दौरान उनके बीच कहासुनी हो गई। मामला बढ़ने पर हल्की धक्का-मुक्की भी हुई, लेकिन जब सौरभ ने शोर मचाया, तो दोनों युवक वहां से भाग निकले।बाद में, सौरभ कुमार ने इस मामूली विवाद को सनसनीखेज बनाने के लिए लूट की झूठी कहानी गढ़ दी। पुलिस जांच में जब कोई लूट के सबूत नहीं मिले और पूछताछ में वादी खुद ही सच उगल बैठा, तो मामला पूरी तरह खुलकर सामने आ गया।
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पुलिस की मुस्तैदी से साजिश बेनकाब…..देहरादून पुलिस की मुस्तैदी और तकनीकी जांच के कारण इस फर्जी मामला का जल्दी ही खुलासा हो गया। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने मामले की गहराई से जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद डालनवाला प्रभारी निरीक्षक मनोज मैनवाल के नेतृत्व में पुलिस ने इसे प्राथमिकता से हल किया। पुलिस ने झूठी सूचना देने और गुमराह करने के आरोप में सौरभ के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही है।
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पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका…..
इस मामले के खुलासे में पुलिस की दो टीमें लगी थीं।
कोतवाली डालनवाला पुलिस टीम….
1:- निरीक्षक मनोज कुमार मैनवाल (प्रभारी, कोतवाली डालनवाला)
2:- उ0नि0 सतबीर भण्डारी (चौकी प्रभारी आराघर)
3:- उ0नि0 संदीप चौहान
4:- हे0 कानि0 मनोज कुमार
5:- का0 आदित्य राठी
6:- का0 विजय सिंह
7:- का0 रविशंकर
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एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) टीम…..
1:- हे0कानि0 विशाल (टैक्निकल सपोर्ट)
2:- हे0कानि0 किरण कुमार (टैक्निकल सपोर्ट)
3:- का0 आशीष शर्मा (टैक्निकल सपोर्ट)

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