उत्तराखंड

थानाध्यक्ष जगमोहन रमोला की बेजोड़ विवेचना से पीड़ित परिवार के जख्मों पर लगा “इंसाफ का मरहम..

कोर्ट ने युवती की हत्या करने वाले को सुनाई उम्रकैद की सजा, 20 हजार का जुर्माना भी लगाया..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जनता से सीधे तौर पर जुड़े पुलिस जैसे विभाग में शिद्दत से फर्ज निभाया जाए तो आमजन के मन में कानून के प्रति विश्वास गहरा हो जाता है। पीड़ित को इंसाफ दिलाने का जज्बा दिल में हो तो मंजिल भी जरूर मिलती है।

फाइल फोटो

युवती की हत्या के चर्चित मामले में पिरान कलियर के तत्कालीन थानाध्यक्ष जगमोहन रमोला की बेजोड़ विवेचना और शानदार पैरवी से एक अभियुक्त को वही सजा मिली है, जिसका वह हकदार था।

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कोर्ट ने पुलिस की विवेचना के आधार पर आरोपी को युवती का हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। है। साथ ही 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न भुगतने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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“अगस्त 2020 की घटना……

फाइल फोटो

एडीजीसी क्रिमिनल विनय गुप्ता ने बताया कि छह अगस्त 2020 को राजू निवासी गांव गढ़, कोतवाली रानीपुर हरिद्वार ने कलियर थाने में तहरीर दी थी। इसमें बताया था कि छह अगस्त की सुबह उनकी बेटी ममतेश उर्फ रेखा को साढू का बेटा धनौरी क्षेत्र स्थित एक फैक्टरी के बाहर छोड़कर चला गया था।

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फैक्ट्री के बाहर नदीम निवासी गांव राजपुर, कोतवाली रानीपुर हरिद्वार मिला था। यहां से नदीम उनकी बेटी को अपने साथ कलियर ले गया था। आरोप था कि यहां पर नदीम ने उनकी बेटी की हत्या कर शव को गंगनहर में फेंक दिया था।

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उसका शव दो दिन बाद गंगनहर से बरामद हुआ था। हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बाद आला अधिकारियों के निर्देश पर तत्कालीन थानाध्यक्ष जगमोहन रमोला ने खुद इस संवेदनशील मामले की जांच की थी।

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आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ और पड़ताल के आधार पर उसके खिलाफ ज्यादा से ज्यादा ठोस सुबूत जुटाए गए। इन्हीं आधार पर कोर्ट में ट्रायल हुआ। यह मामला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश रुड़की रमा पांडे की कोर्ट में विचाराधीन था।

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कोर्ट ने तमाम साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर नदीम को हत्या का दोषी माना है। साथ ही उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर आरोपी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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“फिलहाल देवप्रयाग थानाध्यक्ष हैं रमोला….

फाइल फोटो: जगमोहन रमोला

ये केेस आमजन के लिए एक नजीर है। जिससे आम नागरिकों में पुलिस के प्रति न सिर्फ विश्वास बढ़ा है, बल्कि सम्मान में भी बढ़ोतरी हुई है। इस केस में आरोपी को सजा मिलने पर पीड़ित परिवार के साथ ही कई प्रमुख सामाजिक, राजनीति प्रतिनिधियों और कानूनविदों ने विवेचक व तत्कालीन थानाध्यक्ष जगमोहन रमोला की प्रशंसा की है।

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फिलहाल पौड़ी जिले में बतौर देवप्रयाग थानाध्यक्ष तैनात तेजतर्रार सब इंस्पेक्टर जगमोहन रमोला के लिए भी आरोपी को सजा मिलना किसी पुरुस्कार से कम नहीं है।

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