4600 ग्रेड पे नहीं तो नौकरी नहीं, नाराज़ पुलिसकर्मी ने दिया इस्तीफा..
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही चिट्ठी,, 8 जनवरी को काला दिन मान रहे 2001 बैच के पुलिसकर्मी..

पंच 👊 नामा ब्यूरो
देहरादून: तमाम विरोध प्रदर्शन और सड़क पर उतरकर आंदोलन के बावजूद सरकार 2001 बैच के पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों की एक अदद मांग पूरी नहीं कर पाई। ऐन वक्त पर केवल दो-दो लाख रुपये का झुनझुना पकड़ा कर सरकार चलती बनी। आचार संहिता लगने पर अब मांग पूरी ना होते देख पुलिस कर्मियों के इस्तीफे की शुरुआत हो गई है। सोशल मीडिया पर अल्मोड़ा के एक सिपाही का इस्तीफा वायरल हो रहा है। जिसमें सिपाही ने ग्रेड पे की मांग पूरी ना होने से आहत होकर नौकरी छोड़ने की बात लिखी है। सिपाही ने खुद को पेंशन का हकदार बताते हुए वीआरएस की मांग की है।

4600 ग्रेड पे की मांग को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजन महीनों से आंदोलन कर रहे थे। राजधानी की सड़कों पर पुलिस परिवार की महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किए। कई बार रात तक धरने पर बैठे। परिजनों को उम्मीद थी कि चुनावी मोड़ पर चल रही है और उनकी मांग को जरूर पूरा करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अक्टूबर में घोषणा भी कर दी, लेकिन महीनों बाद भी शासनादेश जारी नहीं किया। अब आचार संहिता से चंद घंटे पहले 2 लाख की एकमुश्त मानदेय राशि देने का पत्र जारी कर दिया गया।

इससे पुलिसकर्मी खुश होने के बजाय और नाराज हो गए हैं। उनका कहना है कि इस फैसले से उन्हें नुकसान हुआ है। इस फैसले से आहत होकर एक सिपाही ने अल्मोड़ा में वीआरएस की मांग करते हुए इस्तीफा भी दे दिया है। इसी से मिलती-जुलती खबरें कई जिलों से निकल कर सामने आ रही है।

आने वाले दिनों में वीआरएस मांगने वालों की संख्या बढ़ सकती है। खास बात यह है कि 20 साल के नौकरी पूरी करने पर 2001 बैच के पुलिसकर्मी पेंशन के हकदार भी हो गए हैं। वहीं, पुलिसकर्मियों के व्हाट्सएप ग्रुप में सरकार के फैसले की तीखी आलोचना हो रही है।
पुलिसकर्मी 8 जनवरी 2022 को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं। कुछ पुलिसकर्मी तो चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने की बात भी कह रहे हैं। देखना यह होगा कि पुलिसकर्मियों की नाराजगी आखिर क्या रूप लेती है।

रुड़की में भी पुलिस परिवार की महिलाओं ने 46 सौ ग्रेड पे देने की मांग को लेकर रुड़की गणेशपुर पुल चौक के समक्ष सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। महिलाओं ने कहा कि पुलिस विभाग में 20 साल की सेवा देना के बाद 46 सौ ग्रेड पे दिया जाता है, बीते लंबे समय से उत्तराखंड में 20 साल की नौकरी पूरी कर चुके सिपाहियों को अभी भी 2800 ग्रेड पे दिया जा रहा है।पुलिस परिवार की महिलाओं ने कहा कि वह आने वाले चुनाव में चुनाव का बहिष्कार करेंगे और लोगों को भी भाजपा को वोट ना करने की अपील करेगी।
इसी बीच ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि पुलिसकर्मी अपना दो-दो लाख रुपय का मानदेय वापस लौटा रहे हैं।