पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: उधमसिंह नगर जिले में डेरा कार सेवा नानकमत्ता के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की हत्या में फरार चल रहे दो आरोपियों को उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने सोमवार आधी रात भगवानपुर क्षेत्र में घेर लिया।
पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने फायरिंग कर दी। जवाबी हमले में एसटीएफ ने भी गोली चलाई। मुठभेड़ के दौरान एक लाख का इनामी शॉर्प शूटर अमरजीत सिंह ढेर हो गया। जबकि उसका साथी फरार हो गया।
इस दौरान पुलिस कप्तान प्रर्मेंद्र डोबाल के निर्देश पर जिले भर में पुलिस सघन चेकिंग में जुटी रही।
सूत्र बताते हैं कि एसटीएफ बदमाशों का लगातार पीछा कर रही थी और भगवानपुर क्षेत्र में हरिद्वार पुलिस के साथ मिलकर घेराबंदी की गई। दरअसल मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते पुलिस पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा था।
यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे मामले का संज्ञान लिया और तत्काल प्रभाव से सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से उत्तराखंड एसटीएफ मामले में इंवॉल्व हो गई थी। देर रात थाना भगवानपुर क्षेत्रांतर्गत चेकिंग अभियान के दौरान मोटरसाइकिल सवार दो संदिग्ध व्यक्तियों को रोकने, भगवानपुर से कलियर की तरफ भागने, पुलिस द्वारा पीछा करने पर पुलिस टीम की बदमाशों से हुई मुठभेड़ में एक बदमाश को गोली लगी जिसको सिविल अस्पताल रुड़की ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने बदमाश को मृत घोषित कर दिया गया जबकि मौके से भागे दूसरे बदमाश की तलाश जारी है। एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ अस्पताल जाकर मामले की जानकारी ली गई। मृतक का नाम अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू पुत्र सुरेंद्र सिंह पता फतेहगढ़ चूड़ियां रोड नगली भट्ट अमृतसर जो उधमसिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारा के बाबा तरसेम सिंह की हत्या में एक लाख का वांछित था। इस मामले में डीजीपी देहरादून में प्रेस वार्ता करते हुए पूरे घटनाक्रम का खुलासा करेंगे।
2 दिन पहले सामने आए थे नाम……
हत्या का षड्यंत्र रचने में शामिल तीन और आरोपियों को पुलिस ने 2 दिन पहले ही गिरफ्तार किया है। इनमें एक यूपी और दो उत्तराखंड के बाजपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। बाजपुर के आरोपियों ने शॉर्प शूटरों को राइफल उपलब्ध कराई थी। बाबा तरसेम सिंह की हत्या के षड्यंत्र में तुलापुर, बिलसंडा, पीलीभीत निवासी परगट सिंह को शनिवार देर रात मेलाघाट रोड, झनकईया, खटीमा से गिरफ्तार किया गया था।
केशोवाला मोड, बाजपुर निवासी जसपाल सिंह भट्टी को जेल रोड, रामपुर, यूपी से और बन्नाखेड़ा बाजपुर निवासी सुखदेव सिंह गिल उर्फ सोनू गिल को रविवार को बाजपुर क्षेत्र से पकड़ा गया। विवेचना में यह तथ्य प्रकाश में आया कि जिस 315 बोर की राइफल से बाबा तरसेम सिंह की हत्या की गई।
वह जसपाल सिंह भट्टी ने शार्प शूटर सर्बजीत सिंह और अमरजीत सिंह को 17 मार्च को बाजपुर में ही उपलब्ध कराई थी। जसपाल की जिस कार से शॉर्प शूटरों को राइफल उपलब्ध कराई गई थी, वह कार पुलिस ने बरामद कर ली है।
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दो और नए नाम आए थे सामने…..
बाबा तरसेम सिंह की हत्या के षड्यंत्र में बिलासपुर निवासी सुल्तान सिंह और कुईया महोलिया, शाहजहांपुर निवासी सतनाम सिंह भी शामिल हैं। सुल्तान सिंह मुख्य हत्यारोपी शूटर अमरजीत सिंह के संपर्क में था। उसने ही अमरजीत को बाबा तरसेम सिंह की हत्या के लिए तैयार किया था। सुल्तान का काफी लंबा आपराधिक इतिहास है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
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सुल्तान सिंह पर दर्ज हैं 11 मुकदमे……पुलिस के मुताबिक, सुल्तान सिंह पर यूपी और उत्तराखंड में हत्या, बलवा, जानलेवा हमले समेत विभिन्न अपराधों के 11 केस दर्ज हैं। सुल्तान लंबे समय से शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू के संपर्क में था। अमरजीत को हत्याकांड के लिए तैयार करने वाला सुल्तान सिंह ही है।
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जसपाल पर यूपी और उत्तराखंड में 10 केस दर्ज हैं। मुख्य आरोपी व शॉर्प शूटर अमरजीत सिंह और बाजपुर निवासी जसपाल सिंह भट्टी फुफेरे भाई हैं। दोनों मूल रूप से सिहोर बिलासपुर, यूपी निवासी हैं। वर्ष 2014 में रुद्रपुर से एटीएम चोरी व पुलिस टीम पर जानलेवा हमले के मामले में अमरजीत और जसपाल जेल जा चुके हैं। हत्याकांड में षड्यंत्र रचने के मामले में गिरफ्तार दूसरे आरोपी बन्नाखेड़ा, बाजपुर निवासी सुखदेव सिंह गिल और जसपाल भी वर्ष 2011 में थाना बाजपुर से हत्या के मामले में साथ-साथ जेल भी गए थे। जसपाल किच्छा थाने का गैंगस्टर भी रहा है। जसपाल के विरुद्ध उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में हत्या समेत विभिन्न अपराधों के 10 केस दर्ज हैं जबकि दूसरे आरोपी सुखदेव पर उत्तराखंड में दो केस दर्ज हैं।