प्रकृति से प्रेम का संदेश देता है गंगा वाटिका का एक-एक फूल, फूलदेयी पर महक उठी बगिया..
पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल ने बगिया का भ्रमण कर फूलदेयी की शुभकामनाएं दी..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: देवभूमि के लोकपर्व फूलदेई पर एसएसपी कार्यालय परिसर स्थित मां गंगा वाटिका फूलों की खुशबू से महक उठी। बगिया में भिन्न-भिन्न रंगों और डिजाइन का एक-एक फूल प्रकृति से प्रेम का संदेश देता है। इस बीच पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल ने भ्रमण कर अधीनस्थों और आमजन को उत्तराखंड के लोकपर्व फूलदेयी की शुभकामनाएं दी। साथ ही गंगा वाटिका के रखरखाव के लिए इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पाठक की सराहना की।कुछ समय पहले तक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी रहे इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पाठक ने दो साल पहले मां गंगा वाटिका विकसित करने की शुरूआत की। उन्होंने अथक परिश्रम करते हुए तरह-तरह के फूलों के पौधे जुटाए। मीडिया सेल के अन्य पुलिसकर्मियों ने भी इसमें सहयोग दिया। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल के प्रयास से वाटिका का जीर्णोद्धार हुआ और इसे नया रूप प्रदान किया गया। वाटिका में फिलहाल आइस फ्लावर, गजीनियां, जिरेनियम, बरबीना, बटरफ्लाई, लेडीज पर्स, जरबेरा, फ्यूशिया, कैलेंडुला, पैंजी, पिटूनियां, डायनथस, रैननकुलस, गुलाब, डहेलिया, आर्नामेंटल केल, अस्टर, सैनेरेरिया आदि फूल खिले हुए हैं। वाटिका के जीर्णोद्धार से आमजन को प्रकृति के संरक्षण का संदेश देते हुए एसएसपी ने बताया कि पर्यावरण की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह बेहद उपयोगी है। बताया कि हर रविवार ऑफिस की छुट्टी होने पर प्रकृति को निहारने के लिए महिलाएं, बच्चें और बुजुर्ग बड़ी संख्या में वाटिका आते हैं। एसएसपी ने सभी को फूलदेई की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि फूलदेई त्यौहार उत्तराखंड का एक विशिष्ट बाल पर्व है। जो चैत महीने में संक्रांति की प्रथम तिथि को उत्तराखंड में बड़े उत्साह व उमंग के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार मानव एवं प्रकृति के समन्वय का त्यौहार है। सनातन धर्म में भी नववर्ष चैत मास से ही प्रारंभ होता है। इस दिन प्रात:काल से बच्चे थाली में फूल लेकर गांव व शहर में घर-घर में फूलों की देहली पूजने जाते हैं।