
पंच👊नामा-ब्यूरो
सुल्तान, हरिद्वार: धर्मनगरी में छिटपुट आपराधिक घटनाओं के बीच “पिल्ला गैंग” की रोजाना कोई न कोई खुराफात कर पुलिस का काम बढ़ा रहा है। हम किसी कुत्ते के पिल्ले की बात नहीं कर रहे हैं।

बल्कि ऐसे नव युवाओं की बात कर रहे हैं जो फिल्म और वेब सीरीज देखकर विलेन बनने की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं। क्षेत्र में इन्हें “पिल्ला गैंग” के रूप में पहचान मिल रही है।

झगड़ा, मारपीट की घटनाओं से लेकर पिल्ला गैंग अब टशनबाजी के चलते हत्या की घटनाओं तक में सक्रियता बढ़ाने लगा है। इनकी गतिविधियों को देखते हुए पुलिस भी हरकत में आ गई है।

पुलिस कप्तान अजय सिंह ने ऐसे युवाओं की नाक में नकेल डालने के लिए उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश पुलिस को दिए हैं। जिस पर हरिद्वार, कनखल और ज्वालापुर समेत कई थाना कोतवाली की पुलिस अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे नवयुवकों को चिन्हित करने में जुट गई है।
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“किसी को नाम, तो किसी को पैसे की चाहत……

पिल्ला गैंग के सदस्यों की खास बात यह है कि इनमें किसी को अपराध की दुनिया में नाम कमाना है तो किसी को पैसे कमाने की चाहत है। उम्र से लेकर अनुभव तक में छोटे होने के बावजूद वह बड़े अपराधियों के नक्शेकदम पर चलने की नाकाम कोशिश करते हैं, लेकिन छोटी-मोटी घटनाओं में ही पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं।

भविष्य दांव पर लगा होने के चलते पिल्ला गैंग से न सिर्फ उनके घर वाले चिंतित हैं, बल्कि आसपास के लोग भी तंग रहते हैं। एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर पुलिस ऐसे युवाओं को सही राह दिखाने के लिए अपनी आस्तीन चढ़ा चुकी है।
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“राजनीति और बेरोजगारी मुख्य कारण…….

हरिद्वार शहर में राजनीति अपने चरम पर है। गली मोहल्ले से लेकर चौक चौराहों तक हर बड़े नेताओं के चेले आपको आवारा घूमते नजर आ जाएंगे। जब तक नेताओं को काम रहता है तो चेलों की पूछताछ होती है, काम खत्म होने पर चेलागर्दी खत्म हो जाती है।

कुछ दिन नेताओं के करीब रहकर ऐसे युवाओं के शौक भी महंगे हो जाते हैं और फिर नेताओं के पल्ला झाड़ने के बाद उनके पास जेब खर्च का भी संकट हो जाता है। हाल ही में अलग-अलग अपराधों में गिरफ्तार हुए ऐसे कई नवयुवक नेताओं के ठुकराने के बाद नशा व अन्य धंधों में शामिल पाए गए।

हरिद्वार में पिल्ला गैंग की सदस्य संख्या बढ़ाने राजनीति और बेरोजगारी का बड़ा हाथ है।
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“क्या कहते हैं पुलिस कप्तान….

एसएसपी अजय सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हाल फिलहाल की कुछ घटनाओं को देखते हुए सभी थाना कोतवाली प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे नवयुवकों को चिन्हित किया जाए। ताकि काउंसलिंग या कार्रवाई के माध्यम से उन्हें अपराध की तरफ बढ़ने से रोका जा सके। परिवार के सदस्यों और आम नागरिकों को भी चाहिए कि ऐसे युवाओं को रास्ता भटकने से रोकने के लिए अपनी-अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करें।