
पंचनामा-ब्यूरो
पिरान कलियर: फर्जी खादिमो से सिर्फ जायरीन ही परेशान नही है बल्कि ये फर्जी खादिम प्रबंधन तंत्र की गले की फांस भी बने हुए है, ऊची रसूक रखने वाले इन कथित खादिमों के सामने प्रशासन भी नतमस्तक नजर आता है, यही वजह है कि कई बार शिकायत के बावजूद भी इनपर कोई कार्रवाई नही हो पाती। अभी हाल ही में दरगाह के कार्यवाहक प्रबन्धक ने फ़र्ज़ी खादिमो की शिकायत पुलिस से की थी और अब दरगाह के कर्मचारी व पीआरडी कर्मियों ने पुलिस को लिखित नामजद तहरीर देकर फ़र्ज़ी खादिमो पर कार्रवाई की मांग की है।
विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक में पिछले कुछ समय से फर्जी खादिमों की बाढ़ आई हुई है। फर्जी खादिम भोलेभाले जायरीनों को अपना निशाना बनाते है और जियारत, लंगर, प्रसाद, तेल, तावीज आदि के नाम पर खूब शोषण करते है। इन फ़र्ज़ी खादिमो का बाकायदा एक नेटवर्क है जो मालदार औऱ परेशानियों में मुब्तिला जायरीनों को इन तक लाते है फिर खेल शुरू होता है तिजोरियां भरने का। इस फर्जी खादिमो की कारगुजारी से दरगाह दफ्तर समेत आलाधिरी और पुलिस प्रशासन बखूबी वाकिफ़ है लेकिन ऊंचे रसूक के चलते ये फर्जी खादिम हमेशा आसानी से बच निकलते है। एक बार फिर इन फर्जी खादिमो के खिलाफ दरगाह के कर्मचारियों व पीआरडी कर्मियों ने नामजद तहरीर देकर पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। तहरीर में दरगाह कर्मचारी ग़ुलाम साबिर, जमशेद, अब्दुल खालिक, इनाम अली व पीआरडी कर्मी कृष्णा गिरी, तेज पाल महेंद्र सिंह व शौकत अली ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि दरगाह साबिर पाक में प्रतिदिन फर्जी खादिम खड़े होकर जायरीनों से अवैध वसूली कर रहे है। जिसकी शिकायत समय-समय पर की गई है। तहरीर में बताया गया है कि दरगाह कार्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप पर बीती 7 तारीख को मुख्य कार्यपालक अधिकारी (iAS) ने दरगाह के अंदर की एक वीडियो भेजी है जिसमे आफताब, सिकंदर (गुड्डू), मुन्ना, मोहसीन, शहजाद, अर्सी, अमजद, आकिल त्यागी आदि दरगाह में खड़े होकर फर्जी खादिम बनकर जायरीनों से अवैध उगाई व अभद्र व्यवहार कर रहे है। जिस सम्बंधन में पुलिस को नामजद तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की गई है। गौरतलब है की अभी कुछ दिन पहले दरगाह के कार्यवाहक प्रबंधक ने भी पुलिस को फर्जी खादिमो के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। अब देखने वाली बात ये होगी कि नामजद तहरीर मिलने के बाद पुलिस इन फर्जी खादिमो पर क्या कार्रवाई करती है या पूर्व की भांति इस बार भी फर्जी खादिमों के लिए ऊची रसूक काम आती है या नही।