पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: आपने कई बॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा कि अमीर व रसूखदार बाप अपनी बेटी के प्रेमी को सबक सिखाने के लिए झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल तक भिजवा देता है। यह बात अलग है कि प्रेमी हार नहीं मानता और जेल से छूटकर भी प्रेमिका को हासिल करता है। फिल्म में खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए हीरो को कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। हरिद्वार के श्यामपुर क्षेत्र में ठीक ऐसा ही एक मामला सामने आया। लेकिन अच्छी बात यह है कि यहां हीरो को संघर्ष नहीं करना पड़ा। बल्कि, पुलिस ने प्रेमी की बात को गंभीरता से लेते हुए बारीकी से पड़ताल की और अमरीश पुरी व प्रेम चोपड़ा की तरह फिल्मी साजिश रचने वाले प्रेमिका के पिता का सियाह चेहरा सबके सामने लाकर रख दिया। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा व पुलिस टीम को शाबाशी दी।
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क्या था मामला…..एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि सात जनवरी को श्यामपुर के लालढांग क्षेत्र में पुलिस ने चेकिंग के दौरान बाइक सवार अजय पुत्र टीकाराम, निवासी ग्राम मीठीबेरी, लालढांग को 171 ग्राम अवैध चरस के साथ गिरफ्तार किया। अजय ने कोर्ट में बयान दिया कि वह कॉलेज से घर आ रहा था, चरस के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। अजय का कहना था कि लालढांग निवासी युवती से उसके प्रेम सम्बंध हैं। शक जताया कि पूरे मामले के पीछे उसकी प्रेमिका के पिता अनूप गुप्ता उर्फ छुनिया की साजिश हो सकती है।
—————————————मामला छात्र के भविष्य से जुड़ा होने के चलते आला अधिकारियों के निर्देश पर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा ने विवेचक व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर इस मामले की जड़े खोदने का काम शुरू किया। जांच के दौरान पता चला कि गिरफ्तारी के दिन अजय कॉलेज से परीक्षा देकर लौटा था। पुलिस ने कॉलेज और आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। कॉलेज की पार्किंग में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने पर अनूप गुप्ता उर्फ छुनिया ने षड्यंत्र के तहत अजय की बाइक में चरस छिपाकर रखता नजर आया। जिससे साफ हो गया कि अजय निर्दोष था और अनूप गुप्ता ने उसे फंसाने के लिए पूरा षड्यंत्र रचा था।
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सीओ सिटी जूही मनराल ने बताया कि गवाहों के बयान और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने अनूप गुप्ता को हिरासत में लिया।
पूछताछ के बाद साजिशकर्ता अनूप गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। अजय के निर्दोष पाए जाने पर उसका नाम मुकदमे से अलग कर दिया गया। एक अन्य की तलाश जारी है।
—————————————निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कर छात्र का भविष्य बचाने पर अजय के परिजनों ने पुलिस का आभार जताया। पुलिस ने निर्दोष अजय को न केवल न्याय दिलाया, बल्कि साजिशकर्ता को भी उसकी असल जगह जेल भेजने का काम किया।