
पंच👊🏻नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: रोशनाबाद कचहरी में महिला अधिवक्ताओं के दो गुटों में झगड़े के मामले में पुलिस ने क्रास रिपोर्ट दर्ज कर ली है। घटना बुधवार की है। एक पक्ष ने अपनी एफआईआर में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल, गाली-गलौच, मारपीट जैसे आरोप लगाए हैं।

जबकि दूसरे पक्ष की महिला अधिवक्ता ने अश्लील टिप्पणी, लूट जैसे संगीन आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

दरअसल, जिला बार संघ का चुनाव संपन्न होने के बाद महिला अधिवक्ताओं के दो गुटों में विवाद हो गया था। इसकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे पर संगीन आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी।

दोनों गुट बार संघ चुनाव में अलग-अलग प्रत्याशियों के समर्थन में थे, इसलिए पुलिस मान रही है कि मामला बार संघ चुनाव की राजनीति से जुड़ा है। इंस्पेक्टर सिडकुल रमेश तनवार ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर क्रास मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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“चैंबर का दरवाजा बंद कर छीना मोबाइल:दीक्षा……

एक पक्ष की ओर से दीक्षा सिंह एडवोकेट ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि अधिवक्ता प्रियंका वर्मा चौहान, अधिवक्ता तोषी चौहान, अधिवक्ता शिवानी बैंसला व चौथी लड़की जिसको सामने आने पर पहचान सकती हूं, ये सब जबरन चैंबर में घुस आए और क्लाइंट रमेश को जबरदस्ती बाहर कर दरवाजा बंद कर लिया। आरोप है कि इसके बाद मारपीट करते हुए जातिसूचक शब्द कहते हुए गाली-गलौच की और प्रियंका चौहान ने मोबाइल फोन छीन कर अपनी जेब मे डाल लिया। शोर मचाने पर जूनियर ने लात मारकर दरवाजा खोला और विरोध किया। इसके बाद महिला अधिवक्ता जातिसूचक शब्द व गाली गलौच करते हुए चली गई।
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दूसरे पक्ष की ओर से एडवोकेट तोषी रानी चौहान ने तहरीर देकर बताया कि वह और उनकी साथी अधिवक्ता प्रियंका वर्मा, शिवानी बंसला व नीशू मावी रोशनाबाद कोर्ट में कई वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। 10 मई को कोर्ट के वाहट्ससमूह सुबह से ही कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली दीक्षा सिंह (एडवोकेट) ने उनके विरुद्ध अभद्र व अश्लील टिप्पणी कर रही थी। तोषी का कहना है कि वह अपनी साथी अधिवक्ता प्रियंका वर्मा शिवानी बंसला व नीशू मावी के साथ कैंटीन में शंकर की दुकान पर चाय पीने गए थे। आरोप है कि तभी दीक्षा सिंह (एडवोकेट) अपने साथ कुछ अधिवक्ता को लेकर लाई और मां बहन की गालियां देते हुए गले पर हाथ डालकर सोने की चेन तोड़ ली। जान से मारने की धमकी देते हुए एससी-एसटी एक्ट के मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। दोबारा 10 बजे वह कोर्ट पहुंची तो उन्होंने फिर से अभद्र टिप्पणियां की।

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“दीक्षा सिंह का पहले भी हो चुका विवाद……
महिला अधिवक्ता दीक्षा सिंह के साथ यह पहला विवाद नहीं है। पिछले कुछ महीनों में यह तीसरी घटना हुई है। पहले मामले में दीक्षा सिंह ने वरिष्ठ अधिवक्ता उत्तम सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इसके बाद बार संघ के निवृतमान अध्यक्ष सुशील कुमार से विवाद होने पर हाइकोर्ट में शिकायत की गई। ताजा घटना में तीसरी एफआईआर अब महिला अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज कराई गई है।