उत्तराखंडशिक्षाहरिद्वार

पहले “किसान, फिर “जवान और अब “शिक्षक बन राष्ट्र निर्माण…

एक शख्सियत के तीन बेमिसाल रूप, तमाम युवाओं के प्रेरणा स्वरूप..

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पंच👊नामा
प्रवेज़ आलम-रूड़की! गांव में “खेती किसानी, वायु सेना में “देश सेवा और शिक्षक बनकर “राष्ट्र का निर्माण। यह तीनों ही कर्मक्षेत्र अपने आप में बेमिसाल है और किसी एक का दूसरे से कोई मुकाबला भी नहीं है।

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एक किसान खेत में जी तोड़ मेहनत कर देश के लिए अन्न उगाता है, जवान “धरती-पाताल-आकाश में दुश्मनों से हिफाजत करता है और शिक्षक भावी नागरिक तैयार कर राष्ट्र का निर्माण करता है। यूं तो हर कोई अपने क्षेत्र का महारथी होता है, लेकिन क्या कोई इन तीनों महत्वपूर्ण क्षेत्रों का भी महारथी हो सकता है। यह बात सुनने में थोड़ी हैरान करने वाली है, लेकिन 100 फीसद सच है। इस शख्सियत का नाम है प्रवीण कुमार राठी। अपने नाम की ही तरह प्रवीण कुमार राठी इन तीनों क्षेत्र में इतने “प्रवीण यानि निपुण हैं कि अंदाजा लगाना मुश्किल है कि किस क्षेत्र में वह 19 हैं और किस में इक्कीस।

फाइल फोटो:-परवीन कुमार राठी

जी हां हम बात कर रहे हैं असोसिएट प्रोफेसर (डाक्टर) प्रवीण कुमार राठी की, जिन्होंने हाल ही में Law में Ph.D. कर एक नया कीर्तिमान हासिल किया और क्षेत्र का मान बढ़ाया है। प्रोफेसर प्रवीण राठी का जन्म ग्राम नारसन कलां, जिला हरिद्वार के एक किसान परिवार में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल से शुरू कर, गुरूकुल विद्यालय से बारहवीं कक्षा पास की। इस दौरान वह पढ़ाई के साथ-साथ परिवार के कृषि कार्यों में भी हाथ बंटाते थे। सन 1988 में राठी ने भारतीय वायुसेना को ज्वाइन कर 20 वर्षों तक तन-मन से एक एयरवारियर की भूमिका में देश की सेवा की। इस दौरान वह देश के अलग-अलग हिस्सों में भारतीय वायुसेना के हवाई अड्डों पर पोस्टिंग पर रहे और उच्च शिक्षा भी हासिल करते रहे। इसी दौरान इन्होने LL.B. एवं LL.M. की डिग्री हासिल की। एक तरफ जहां आम लोग सरकारी नौकरी पाना ही मात्र अपना लक्ष्य मानते हैं, वहीं डाक्टर साहब ने नौकरी पाने के बावजूद आगे की पढ़ाई भी निरन्तर जारी रखीं।

फाइल फोटो…

सन 2008 में सेना से रिटायर होने के बाद इन्होंने देशवासियों को कानूनी शिक्षा/जानकारी प्रदान करना ही अपना लक्ष्य निश्चित किया और लॉ कॉलेज देहरादून को ज्वाइन कर लिया। प्रोफेसर राठी ने सन 2014-15 में पिरान कलियर के समीप स्थित आईपीएस कॉलेज में भी निदेशक के पद पर कार्य किया। मात्र दो साल के समय में ही इन्होंने यहां के विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों का दिल जीत लिया था। यहां के क्षेत्रवासी आज भी इन्हें याद करते हैं।

फाइल फोटो…

वर्तमान में डाक्टर प्रवीण राठी देहरादून स्थित हिमगिरि जी यूनिवर्सिटी में विधि विभागाध्यक्ष (Head of Law Department) के पद पर कार्यरत हैं। अब ये शोध के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। हाल ही में “वन्य-जीवों से संबंधित कानूनों” पर लॉ में पी एच० डी० कर शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च उपाधि हासिल की है।
प्रोफेसर राठी ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से यह साबित कर दिया है कि अगर व्यक्ति में कुछ करने का जज्बा है तो, प्रतिकूल परिस्थितियों भी अनूकूल हो जाती है तथा कृषि करना हो या सेना में रहकर देश सेवा, इनके साथ-साथ शिक्षा भी ग्रहण की जा सकती है।

फाइल फोटो…

गांव के हिन्दी मीडियम प्राइमरी स्कूल से लेकर एयरफोर्स एवं देश के अन्य राज्यों में स्थित इंग्लिश मीडियम यूनिवर्सिटी तक इनका सफर अदभुत रहा। अत्यन्त सरल स्वभाव के धनी, डाक्टर प्रवीण कुमार राठी अनेक युवाओं के प्रेरणास्त्रोत है। हरिद्वार जिला वासियों को उन पर गर्व है।

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