पहले गज़ाला, फिर नजमा, अब शाईस्ता, मुस्लिम महिलाओं का पूर्व प्रधान के बेटे से क्या ताल्लुक, बार-बार क्यों दर्ज हो रहे गैंगरेप के मुकदमें..
बागपत से हत्या की रंजिश को कौन खींच लाया हरिद्वार, पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल ने दिए फर्जी मुकदमे की जांच के निर्देश, पीड़ित ने लगाई गुहार..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: दिल्ली में गज़ाला, लखनऊ में नजमा और हरिद्वार में शाईस्ता। इन तीन मुस्लिम महिलाओं का आपस में क्या कनेक्शन है और बागपत के निरपुडा गांव में रहने वाले पूर्व प्रधान के बेटे निश्चय राणा से इनकी क्या दुश्मनी है।
अगर इनका आपस में कोई जुड़ाव नहीं है तो फिर निश्चय राणा के खिलाफ जगह बदल-बदल कर गैंगरैप के मुकदमें कौन दर्ज कर रहा है। इन मुकदमों का रहस्य सामने आना इसलिए भी जरूरी हो गया है, क्योंकि बागपत में कुछ साल पहले हत्या के बाद शुरू हुआ मुकदमों का सिलसिला अब हरिद्वार तक आ पहुंचा है।
गैंगरेप का आरोपी बताकर कोर्ट के आदेश पर रानीपुर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में नामजद किए गए निश्चय राणा ने हरिद्वार पहुंचकर न सिर्फ पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल से इंसाफ की गुहार लगाई।
बल्कि, हरिद्वार प्रेस क्लब में मीडिया के सामने आकर सिलसिलेवार तरीके से आपबीती भी बयान की। इस मामले में एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने पीड़ित को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाते हुए पुलिस को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
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प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करते हुए गांव निरपुड़ा, थाना दोघट जिला बागपत निवासी निश्चय राणा ने बताया कि कुछ साल पहले उनके पिता की हत्या की कर दी गई थी। जिसमें बाबू बढ़ल, ओमप्रकाश, रामबली व इकबाल आदि पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।
जबकि दो लोग फरार हैं। आरोप लगाया कि पिता की हत्या में शामिल आरोपित उनके खिलाफ पहले बागपत में कई बार फर्जी मुकदमें दर्ज करा चुके हैं। जिनमें पुलिस फाइनल रिपोर्ट लगा चुकी है।
इसलिए साल 2021 में दिल्ली के थाना मुखर्जी नगर में गज़ाला और अगस्त 2023 में लखनऊ के ठाकुरगंज थाने में नजमा नामक महिलाओं से गैंगरेप के फर्जी मुकदमें दर्ज कराए गए।
ताकि दबाव में आकर पुराने मुकदमे में समझौता किया जा सके। इसके बाद शामली के कांधला थाने में भी फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच के बाद इन सभी मुकदमों में पुलिस अंतिम रिपोर्ट लगा चुकी है।
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पीड़ित ने बताया कि पुराने फर्जी मुकदमों में सफलता न मिलने पर उसके गांव के प्रधान प्रताप समेत अन्य आरोपियों ने हरिद्वार में शाईस्ता नामक महिला की ओर से सामूहिक दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें उनके अलावा दो अन्य परिचित लोगों को नामजद किया गया है।
शाईस्ता का पता रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के गढ़मीरपुर गांव में मेहरबान का किराए का मकान बताया गया है। यही नहीं, घटना भी साल 2020 की बताई गई है। महिला ने अपना मूल पता शाईस्ता पत्नी मुव्ससिर निवासी नारायण विहार सहस्त्रधारा रोड देहरादून लिखाया हुआ है। जबकि वह न तो महिला से कभी मिला और न उसे जानता है। पीड़िता ने इस मामले में एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल से मिलकर पूरी कहानी बताई और कार्रवाई की मांग की।
एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश रानीपुर कोतवाली प्रभारी नरेंद्र बिष्ट को दिए। साथ ही आरोप यदि फर्जी पाए जाते हैं तो आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी कहा।
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“उप्र से मिली है पुलिस सुरक्षा…..
निश्चय राणा के पिता की हत्या के बाद उनकी जान पर खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराई हुई है। मीडिया से बातचीत में निश्चय राणा ने बताया कि दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप लगाकर उनका व पूरे परिवार का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। मीडिया के सामने इंसाफ की गुहार लगाते हुए निश्चय राणा ने कार्रवाई की मांग की है।