भाजपाइयों के जख्मों पर पहले नमक, फिर मरहम….
: लाठीचार्ज के मामले में इंस्पेक्टर यशपाल बिष्ट डीआईजी कार्यालय अटैच
: पहले सिविल लाइंस कोतवाली किया तबादला, एक घंटे बाद नया फरमान
पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के मामले में आखिरकार इंस्पेक्टर यशपाल बिष्ट को जिले से जाना पड़ा। उन्हें पहले रुड़की सिविल लाइंस कोतवाल बनाकर भाजपाइयों के जख्मों पर नमक लगाया गया, सवाल उठने के बाद डीआईजी कार्यालय अटैच कर मरहम लगा दिया गया। इंस्पेक्टर को लेकर नाक का सवाल बना चुके भाजपाइयों को देहरादून से फरमान जारी कराना पड़ा।
3 दिन पहले धोखाधड़ी के आरोपी को छुड़ाने मंगलौर कोतवाली पहुंचे भाजपा नेताओं के साथ पुलिस की तीखी नोकझोंक हुई थी। अगले दिन वीडियो वायरल होने पर पता चला कि सिर्फ नोकझोंक ही नहीं हुई, बल्कि भाजपाइयों की लाठियों से खातिरदारी की गई। अपनी ही सरकार में लाठियां खाने के बाद भाजपाइयों ने कोतवाल को हटाने के लिए जोर लगाया। लेकिन इस पर सिर्फ इतना हुआ कि निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए कोतवाल यशपाल बिष्ट को सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी बना दिया गया। इस तबादले से भाजपाइयों की और ज्यादा खिल्ली उड़ी। नतीजा यह हुआ कि भाजपाइयों ने एक बार फिर एड़ी चोटी का जोर लगाया और सिविल लाइंस कोतवाली में चार्ज लेने के कुछ घंटे बाद ही इंस्पेक्टर यशपाल बिष्ट को कार्यालय अटैच कर दिया गया। हालांकि अटैच करने के पीछे भी इंस्पेक्टर के अनुरोध का हवाला दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इंस्पेक्टर बिष्ट ने खुद ही जिले से बाहर तबादले का अनुरोध किया है। अगर यह बात सही है तो एक बार फिर वही सवाल आकर खड़ा हो गया है कि अपनी सरकार में भाजपाइयों की कितनी चली।