
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: दिल्ली की तिहाड़ जेल से पिछले दिनों नाटकीय घटनाक्रम के तहत हरिद्वार जेल शिफ्ट हुए कुख्यात सुनील राठी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं, जेल प्रशासन भी इतने कम समय में ही राठी के सामने सरेंडर करता नजर आ रहा है।

जेल के भीतर से छनकर आ रही खबरों पर गौर करें तो यही कहा जा सकता है। चर्चाएं हैं कि जेल में सुनील राठी और प्रवीण वाल्मीकि ने मिलकर एक कैदी को पीटा और स्टाफ के साथ अक्सर अभद्रता की जा रही है।

वह ऐसा क्यों कर रहा है, इस बारे में अधिकारी खुलकर बोलने से बच रहे हैं, पर दबी जुबान में बता रहे हैं कि राठी अपनी कमर के दर्द का बहाना बनाते हुए बैरक में बेड जैसी सुविधाएं मांग रहा है। मना करने पर वह कैदियों और स्टाफ पर गुस्सा उतार रहा है। लेकिन सवाल यह है कि जेल प्रशासन इस बारे में लिखित शिकायत देकर कार्रवाई क्यों नहीं करा रहा है।

वहीं, पुलिस कप्तान अजय सिंह का साफ कहना है कि लिखित शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।
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अधीक्षक की चिट्ठी का नहीं लिया संज्ञान…….
हरिद्वार जेल में राठी के पूर्व के कारनामे भी किसी से छिपे नहीं है। राठी के हरिद्वार आते ही वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य ने आला अधिकारियों को पत्र लिखकर उसे प्रदेश की किसी अन्य जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी, लेकिन अफसरों ने इस पत्र का कोई संज्ञान नहीं लिया।

वहीं, जेल प्रशासन भी राठी पर काबू पाने में नाकाम रहा। दरअसल, जेल में पहले से राठी का खास गुर्गा प्रवीण वाल्मीकि बंद है। राठी के आने के बाद दोनों की ताकत बढ़ गई है।

दूसरा बागपत का भूमाफिया यशपाल तोमर भी इसी जेल में बंद है। बंदी की पिटाई के बाद जेल अधीक्षक मनोज आर्य अवकाश पर चले गए। जेल के प्रभारी अधिकारी व रुड़की जेलर जेपी द्विवेदी का कहना है कि इस बारे में उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है।
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राठी के आने से बंद हुए मनोरंजन के कार्यक्रम………
जेल में पिछले एक साल से राष्ट्रीय और धार्मिक पर्व पूरे जोश खरोश के साथ मनाए गए। कैदियों के मनोरंजन के लिए सिनेमा जैसे इंतजाम किए गए। रामलीला, रावण दहन, होली दीवाली के दौरान जेल स्टाफ और कैदियों ने मिलकर एंजाय किया। लेकिन राठी के जेल में आने के बाद पूरा माहौल ही बदल गया है। अब जेल में ऐसे कोई कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं, बल्कि अधिकारी टेंशन में हैं।