पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: गश्त कर रहे चेतक पुलिसकर्मियों पर हमला कर एक सिपाही की आंख फोड़ने के मामले में फरार पांच ईनामी बदमाशों को पुलिस व एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि गुलेल से पत्थर मारकर सिपाही की आंख फोड़ने वाला मुख्य आरोपी अभी पुलिस के हाथ नहीं आ पाया है। पुलिस कप्तान डा. योगेंद्र सिंह रावत ने जिला पुलिस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस घटना के अलावा चोरी की कई घटनाओं का पर्दाफाश किया है।गिरोह इतना शातिर है कि सैकड़ों मील दूर आकर चोरी की बड़ी घटनाओं को अंजाम देता था। बदमाशों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाली।इसके साथ ही कनखल के तीन, रानीपुर के तीन और सिडकुल की एक घटना का खुलासा हुआ है।सरस्वती विद्या मंदिर भेल के अलावा कनखल में अधिवक्ता के घर चोरी का खुलासा हुआ है। बदमाश पारदी गैंग से ताल्लुक रखते हैं। उनसे 25 लाख का माल बरामद हुआ है। अपराधी पारदी जनजाति के खानाबदोश लोग है जिनका कोई स्थाई ठिकाना नहीं है तथा ये लोग मूलतः मध्य प्रदेश के उज्जैन, गुना, ग्वालियर व मंदसौर के आस पास के रहने वाले है। इनका अपराध करने का अपना एक अलग ही तरीका होता है। ये लोग अपने परिवार की औरतो व बच्चो के साथ अलग-2 राज्यों में बड़े बड़े धार्मिक स्थलो, रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों के आस पास अस्थाई रूप से बिछौना डालकर रहना शुरू करते है तथा दिखावे की खातिर दिन के समय बच्चों के खिलौने व गुब्बारे आदि बेचने का काम करते है। इसी दौरान दिन के समय में ही ये बैट्री रिक्शा व पैदल पॉश कॉलोनियों जाकर रैकी कर अधिकांश ऐसे घरो को टारगेट कर चोरी की घटनाओं को अन्जाम देते हैं, जो बन्द हो या जिनमे कोई बुजुर्ग दम्पति रहते हो। घटना के समय ये लोग पिठ्ठे बैग अपने साथ में लेकर चलते है। जिसमे पाना, रिन्च, गुलेल तथा कपड़े रखते हैं। पाना व रिन्च का प्रयोग ये लोग ताला तोड़ने में करते हैं कुत्तो को भगाने व आत्मरक्षा के लिए गुलेल का प्रयोग करते हैं और पहचान छुपाने के लिए घटना के बाद कपड़े बदल लेते है। ये इतने शातिर होते हैं के घटना के समय मोबाईल फोन का प्रयोग नहीं करते और मोबाईल फोन भी अपनी औरतो के पास रखते हैं। घटना के बाद चोरी के माल को गढढो में गाड़ देते हैं तथा जेवरात को बेचने का काम अधिकांशतः इनकी औरते करती है। जब किसी घटना में इन्हें अच्छा जेवरात और नकदी मिल जाता है तो ये तुरन्त स्थान बदल देते है और माल का आपस में बंटवारा कर दूरस्थ स्थानो पर अलग-अलग सिफ्ट हो जाते हैं। ये लोग चोरी करने के लिए जो पार्टी बनाते है उसमें ये लोग एक जगह के ना होकर अलग – 2 स्थानो / शहरों के ऐसे सदस्यों को रखते है जो इनके सगे सम्बन्धी होते हैं। ऐसे में किसी एक के पकड़े जाने पर इनके परिवार के सदस्य अन्य सभी को मोबाईल फोन आदि से सूचित कर देते हैं। जिससे अन्य अभियुक्त आसानी से फरार हो जाते हैं और उन्हें पकड़ना बड़ा मुश्किल हो जाता है। ये लोग मौकाप्रस्त होते है चोरी के अलावा मेले ठेलो में उठाईगिरी व जेब काटने की घटनाओं को भी अंजाम देते है। इन सभी का लोगों का एक अर्न्तराज्य गिरोह है जिनका उत्तराखण्ड के अतिरिक्त उ०प्र० राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र तथा राजस्थान आदि राज्यो मे अपना नेटवर्क फैला है। इनके द्वारा जिस क्षेत्र में भी अपराध किया जाता उस क्षेत्र मे घटना से पूर्व रैकी करने के लिये कुनबे सहित आते है, एवं पार्किंग घाट या सड़क किनारे डेरा डालते है। इनकी महिलाएं फूल, प्लास्टिक का सामान आदि बेचने का कार्य करती है। अभियुक्तगण दिन के समय मे रैकी करते है। कोई सा भई घर चिन्हित करने के उपरान्त रात्रि में घटना को अन्जाम देते है। घटना के बाद कभी कभार अपने ठिकानो पर मध्यप्रदेश आदि स्थानो पर वापस लौट जाते है।
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पुलिस टीम…..
निरीक्षक अमरचन्द शर्मा, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रानीपुर , निरीक्षक मुकेश सिंह चौहान प्रभारी निरीक्षक थाना कनखल, निरीक्षक नरेन्द्र सिंह बिष्ट, प्रभारी निरीक्षक सीआईयू हरिद्वार, व.उ.नि. अनुरोध व्यास, उ.नि. रणजीत तोमर सीआईयू हरिद्वार, उ.नि. अशोक सिरसवाल, उ.नि. खेमेन्द्र गंगवार, उ.नि. नितेश शर्मा थानाध्यक्ष बहादराबाद, हे.का. सुन्दर लाल, का. पंकज देवली, का. दीप गौड, का. 454 विजयपाल, का. 407 सतेन्द्र याद, का. 414 जयपाल, का. 938 बलवन्त, कां. 516 निर्मल थाना कनखल, का. नरेन्द्र, कां. उमेश, का. मनोज रावत, का. विवेक, कां. वसीम, का. पदम, का. अजय, का. हरवीर, का. शशिकान्त त्यागी थाना कोतवाली नगर हरिद्वार, का. प्रेम थाना कोतवाली ज्वालापुर आदि शामिल रहे।
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बरामदगी का विवरण….
नगदी: 03 लाख रुपये, चाँदी की पाजेब 01 जोडी, चाँदी के सिक्के 10, चाँदी के बिछुए 06, सोने का मंगलसूत्र 01, सोने की चेन 05, सोने के कंगन 06, सोने का एक पैण्डेट हारनुमा 0, दो जोडी झुमके सोने, सोने की चैन मय पैण्डेट 01, सोने की अंगूठी 01, सोने के कान झुमके 03, अपराध में प्रयुक्त हथौडी, गुलेल पेचकस व छेनी बरामद हुई है।