पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर में 8 माह के मासूम का अपहरण में आखिरकार पड़ोस में रहने वाली महिलाओं का हाथ निकला। पुलिस ने मां-बेटी समेत 5 महिलाओं और ढाई लाख रुपए में बच्चा लेने वाले हरिद्वार के एक व्यापारी व उसकी पत्नी को गिरफ्तार करते हुए बच्चे को बरामद कर लिया। एडवांस के तौर पर दी गई 50 हजार की रकम भी पुलिस ने बरामद की है। डीआइजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल ने पुलिस कप्तान अजय सिंह के साथ जिला पुलिस मुख्यालय पर इस मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस टीम को शाबाशी दी।एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बच्चा चोरी की घटना के बाद पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीमों का गठन किया गया था। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने और संदिग्ध नंबरों की जांच करने के बाद पुलिस ने रविंद्र और राखी के पड़ोस में रहने वाली सुषमा पत्नी वीरेंद्र, लोधामंडी की आशा कार्यकत्री रूबी पत्नी अमित निवासी सीतापुर और सुषमा की समधन अनीता पत्नी सोम प्रकाश, उसकी मुंह बोली बेटी किरन, आंगनबाड़ी कार्यकत्री आशा पत्नी मनोज निवासीगण क़ड़च्छ व संजय पुत्र अशोक शर्मा व उसकी पत्नी पारुल निवासी श्यामपुर कांगड़ी को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से बच्चा सकुशल बरामद किया गया है। उनके बीच ढाई लाख रुपए में बच्चा लेने की डील हुई थी और 50 हजार रुपए एडवांस दिए गए थे। किरण, सुषमा और अनीता ने मिलकर बच्चे का अपहरण किया था और आशा व रूबी के माध्यम से संजय को सौंपा गया था
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“ऐसे बुना गया बच्चे के अपहरण का ताना-बाना…..
अपर रोड पर कपड़े की दुकान चलाने वाला संजय बे औलाद है और उसने अपनी परिचित आंगनबाड़ी कार्यकत्री रूबी से बच्चा दिलाने के लिए कहा था। रूबी ने अपनी जानकार आशा इस बारे में बात की। जिसके बाद सुषमा ने अपनी समधन अनीता व।उसकी मुंह बोली बेटी किरन के साथ मिलकर पड़ोस में रहने वाले रविंद्र और राखी के मासूम बेटे शिवांग का अपहरण करने का ताना-बाना बुना। चूंकि रविंद्र का घर किरन के घर से बिलकुल सटा हुआ था इसलिए मौका लगते ही वह बच्चे को उठा कर लाई और सुषमा को सौंप दिया। सुषमा बच्चे को लेकर जटवाड़ा पुल पहुंची और किरन की मुंहबोली मां अनीता को सौंप दिया। इसके बाद दोनों ने रूबी और आशा को बताया कि काम हो गया है आप ग्राहक को बुला लीजिए। बाद में बहाराबाद क्षेत्र के बढेडी राजपूतान स्थित एक पेट्रोल पंप के पास उनकी मुलाकात संजय से हुई और बच्चा उसे सौंप कर 50 हजार रुपए ले ले गए। बाकी दो लाख रुपए संजय ने बाद में देने का वादा किया। इसके बाद संजय बच्चे को हरिपुर कला एक गेस्ट हाउस में ले गया।—————————————-
खुलासे पर पुलिस टीम को इनाम और शाबाशी……
हरिद्वार: पुलिस की नाक का बाल बने इस मामले का 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश करने पर डीआइजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल और एसएसपी अजय सिंह ने पुलिस टीम को शाबाशी दी है। डीआईजी की तरफ से 30 हजार रुपये का इनाम दिया गया है।
चूंकि घटना बड़ी थी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस घटना का संज्ञान ले चुके थे, इसलिए पुलिस कप्तान अजय सिंह खुद इस मिशन की कमान संभालते हुए पल-पल की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे। एसपी क्राइम रेखा यादव, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह और सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल के निर्देशन में बच्चा बरामद करने वाली पुलिस टीम में ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी, एसओजी इंस्पेक्टर नरेंद्र बिष्ट, ज्वालापुर एसएसआई अंशुल अग्रवाल, एसओजी प्रभारी हरिद्वार रणजीत तोमर, रेल चौकी प्रभारी सुधांशु कौशिक, हरिद्वार रोड़ी बेलवाला चौकी प्रभारी प्रवीण रावत, जगजीतपुर चौकी प्रभारी खेमेंद्र गंगवार, कॉन्स्टेबल निर्मल, अमित गौड़, संदीप, एसओजी सिपाही उमेश आदि की अहम भूमिका रही है।
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मीडिया कर्मी नरेश तोमर भी बने मददगार…….
हरिद्वार: बच्चे को 24 घंटे के भीतर बरामद करने में पुलिस ने अलग-अलग माध्यमों का सहारा लिया। किसी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर भी पुलिस को अहम सूचना दी। वहीं, मीडियाकर्मी नरेश तोमर भी पुलिस के मददगार बने हैं। डीआईजी ने पुलिस की मदद करने वालों को पुरस्कृत करने के निर्देश भी एसएसपी को दिए हैं।