पंच👊नामा ब्यूरो
चाक चौबंद रहने वाली पुलिस की आंखों में एक फॉलोअर ही धूल झोंककर मुफ्त की तनख्वाह लेता रहा। मजेदार बात यह है कि वह खुद को डीजीपी के घर पर तैनात बताकर अफसरों को भी गुमराह करता रहा, डीजीपी का नाम आने पर किसी की हिम्मत नहीं हुई कि सच्चाई का पता लगा सके। मामला तब खुला जब कर्मचारी ने उधमसिंहनगर के आरआइ और स्टोर मुंशी पर पिटाई करने और वेतन रोकने का आरोप लगाते हुए उसने एसएसपी को शिकायत की। जांच में पता चला कि फोलोअर कहीं ड्यूटी ही नहीं कर रहा था। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इस मामले की जांच बैठा दी है। वहीं, एसएसपी उधमसिंहनगर की ओर से मामले की सीओ स्तर के अधिकारी से करवाई जा रही है। पूरे मामले में आरआई की भूमिका भी संदिग्ध बताई रही है। खबरों के अनुसार, ग्राम चिल पोस्ट पितोली जिला अल्मोड़ा निवासी फोलोअर दीपक उप्रेती 2018-19 से रिजर्व पुलिस लाइन रुद्रपुर उधमसिंहनगर में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के रूप में कार्यरत है। दीपक उप्रेती ने उधमसिंहनगर के आरआइ व स्टोर मुंशी पर मारपीट के आरोप लगाए थे। कर्मचारी की ओर से इस मामले में कोतवाली रुद्रपुर और पुलिस मुख्यालय को शिकायत पत्र भेजा। शिकायती पत्र पर एसएसपी ऊधमसिंहनगर मंजूनाथ टीसी ने जांच के आदेश दिए। जांच में सामने आया है कि कर्मचारी पिछले एक डेढ़ साल से ड्यूटी से नदारद था। ड्यूटी के बजाए वह राज्य से बाहर रह रहा था, और वेतन बराबर लेता रहा। जब भी कोई उससे डयूटी के बारे में पूछता, तो वह डीजीपी के घर काम करने की बात कहते हुए मुंह बंद करा देता था। इससे आगे पूछने की हिम्मत कोई नहीं कर पाता था। डीजीपी अशोक कुमार ने इसका संज्ञान लेते हुए जांच बैठा दी है। फॉलोअर की कारगुजारी पूरे पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है।शिकायत में क्या कहा…..
शिकायत में दीपक उप्रेती ने कहा था कि वह पुलिस लाइन रुद्रपुर में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है. आरोप है की 20 अप्रैल को प्रतिसार निरीक्षक ने उससे पुलिस अधिकारी की पत्नी के घर में काम करने के लिए भेजा. इस दौरान कर्मचारी ने अपनी पत्नी की तबीयत खराब होने की बात कहते हुए अवकाश मांगा. इससे नाराज होकर उन्होंने उससे गालीगलौज की और जबरन स्टोर मुंशी के साथ मिलकर उसे पंतनगर स्थित बंगले में ले गए. आरोप है कि दोनों ने एक दीवान के साथ मिलकर उसे लाठी डंडों से पीटा. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. प्रार्थना पत्र मिलने के बाद महकमें के अधिकारी सकते में आ गये.