पंच👊नामा
रुड़की। कलियर में उर्स के शबाब पर पहुंचने से पहले ही एक पूर्व भाजपा नेता ने सुरक्षा को लेकर बने नियम कायदों को ताक पर रख डाला। पूरा लाव लश्कर लेकर दरगाह पर हाजिरी देने पहुंचे पूर्व भाजपा नेता अवतार सिंह भड़ाना ने ड्रोन कैमरा उड़ाकर वीडियोग्राफी कराई। जबकि नियमानुसार दरगाह परिसर की वीडियोग्राफी करने और ड्रोन उड़ाने के लिए पुलिस प्रशासन की अनुमति जरूरी है। हैरत की बात यह है कि नियमों की धज्जियां दरगाह व पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में उड़ी। अब इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जांच बैठा दी है।
हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक का सालाना उर्स शुरू हो चुका है ऐसे में दूर-दराज से जायरीन पिरान कलियर पहुँचना शुरू हो गए है। वही व्यवस्थाओं के मद्देनजर प्रशासन भी कमर कसे हुए है, सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने में लगा है, लेकिन इसी बीच मंगलवार को एक वीआईपी की हाजरी के दौरान व्यवस्थाओं में उलंघन का मामला सामने आया है। दरअसल बीते दिन देर शाम किसान नेता व मीरापुर विधायक अवतार सिंह भड़ाना अपने समर्थकों के साथ पिरान कलियर पहुँचे थे, जहां उन्होंने दरबार शरीफ़ में हाजरी की और मुल्क में अमनो सलामती की दुआ मांगी, बड़ी बात ये रही कि इस दौरान उनके इस कार्यक्रम की ड्रोन कैमरे से वीडियोग्राफी की गई। दरगाह के मुख्यद्वार पर ड्रोन उड़ाया गया इसके बाद ड्रोन को हाथ में उठाए वीडियोग्राफर दरबार शरीफ के अंदर पहुँचा, और ड्रोन से मुकम्मल कार्यक्रम की वीडियोग्राफी की। ताज्जुब की बात ये रही कि मौके पर पीआरडी के जवान, दरगाह कार्यालय का स्टॉफ और हाजरी कराने वाले अंतरराष्ट्रीय कवि जो दरगाह से लंबे अरसे जुड़े हुए है मौजूद रहे, लेकिन किसी ने भी ड्रोन से हो रही वीडियोग्राफी को रोकने की जहमत नहीं उठाई। जब इस बारे में विधायक अवतार सिंह भड़ाना से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ड्रोन को लेकर क्या नियम है मुझे इसकी जानकारी नही है, ड्रोन कौन लेकर आया इसकी जानकारी से भी उन्होंने इनकार कर दिया। बहरहाल उर्स के दौरान ड्रोन से वीडियोग्राफी क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। एसएसपी हरिद्वार डॉ योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि ड्रोन उड़ाने के लिए ए… बी... और सी…तीन कैटेगिरी होती है। ए कैटेगिरी में ड्रोन उड़ाने की इजाज़त नही है, बी कैटेगिरी में ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना जरूरी है और सी कैटेगिरी में ड्रोन बिना अनुमति के उड़ाया जा सकता है लेकिन उसमें भी ड्रोन और उसे उड़ाने वाला रजिस्टर्ड होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस बारे में रिपोर्ट ली जाएगी कि जहां ड्रोन का इस्तेमाल किया गया वह कौन सी कैटेगिरी में आता है, अगर उल्लंघन हुआ है तो जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अब देखने वाली बात ये भी होगी कि सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा रखने वाले दरगाह कार्यालय स्टॉफ भी इस भूल से कोई सबक लेता है या नही…